शिशु सदन बना गरीब बच्चों की शिक्षास्थली- देखे वीडियों भी
उज्जैन। मक्सीरोड़ बायपास स्थित एमआर-5 पर स्थित निगम के ट्रांसफर स्टेशन पर ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा शिशु सदन की शुरूआत की गई है, जहां कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों पर कार्यरत कर्मचारियों के मासूम बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। यहां बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ खेलों के माध्यम से शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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वैसे देखा जाये तो अक्सर गरीब माता पिता जो दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर मजूदरी या अन्य काम करते है, वह अपने बच्चों की शिक्षा की ओर ध्यान नही दे पाते है, उसी वर्ग में शामिल है कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों पर कार्य करने वाले चालक व उनके सहयोगी। जिनके बच्चे या तो ट्रांसफर स्टेशन स्थित उनके निवास पर दिनभर खेलते रहते है या फिर कचरा कलेक्शन वाहनों पर अपने माता-पिता के साथ चले जाते है। ऐसे बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नगर निगम और ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा शिशु सदन की एक अच्छी पहल की शुरूआत की गई है।
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20 से अधिक बच्चे ले रहे लाभ
ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट के शालू पाठक ने बताया कि सोमवार से शुरू किये गये शिशु सदन आने के लिए बच्चों का उत्साह बढ़ने लगा है, यहां अब तक 20 बच्चों का नाम दर्ज किया जा चुका है, जिन्हें ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा रखी गई टीचर द्वारा गिनती, बारहखड़ी, कविताएं, अग्रेजी वर्णमाला का ज्ञान दिया जा रहा है। ट्रांसफर स्टेशन पर निवारत कर्मचारियों के बच्चे है, जिनके माता-पिता सुबह उठकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में कचरा वाहन लेकर या उसके साथ काम करने जाते है। बताया जाता है कि यहां पर लगभग 35 परिवार निवारत है, जो इस काम में लगे हुए है।
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सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक
मजदूर व गरीब तबके के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किये गये शिशु सदन में सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर के 1 बजे तक बच्चों को बैठाया जाता है। अब मजदूरी करने वाले कर्मचारी अपने बच्चों को शिशु सदन में छोड़कर जाते हैं। ये बच्चे यहां पर ही खेलते रहते हैं और शिक्षिका द्वारा उन्हें पढ़ाया भी जाता है। मजदूर माता-पिता बच्चों को घर पर छोड़ने के बजाय उन्हें शिशु सदन में छोड़ना पसंद कर रहे हैं ताकि बच्चे सुरक्षित भी रहें और उन्हें संस्कार भी मिल सकें।
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यह भी खासियत है…
शालू पाठक ने बताया कि ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा शिशु सदन में आने वाले बच्चों के लिए किताबें भी उपलब्ध करवाई गई है, जिससे बच्चे अक्षर व रंग पहचानने लगे हैं। इसके अलावा कईं बच्चों को हिंदी पढ़ना भी आ रहा है। वहीं बच्चों के लिए छोटी साइकिले, फूटबाल, गेंद सहित अन्य खिलौने भी रखे गये है, जिससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सके। बच्चों को गुड टच व बेड टच के बारे में भी समझाया जाता है। इसके अलावा बच्चों को प्रतिदिन नाश्ते के रूप में बिस्कीट, पोहा, कचौरी व अन्य खाद्य सामग्री दी जाती है, ताकि बच्चों की रूचि शिशु सदन में आने की बनी रहे।
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