ज्योतिष में पितृ दोष क्या है और इसके उपाय..
पितृ दोष (Pitra Dosh) जीवन में या पिछले जन्म में आपके पिता और आपके पूर्वजों के साथ आपके खराब संबंध की तरह है। यह पितृ दोष ऐसा है जैसे आप अपने पिता, पूर्वजों से प्यार चाहते हैं लेकिन आप नौवें घर में चीजों के रूप में नहीं हैं आपके लिए अच्छा काम नहीं कर रहे हैं। क्योंकि यह पितृ दोष धीमा जहर है जो आपको कई चीजों में धीमा कर देता है। देर से सफलता, देर से शादी, जीवन में औसत करियर, आंखों की समस्या, अपने पिता और पूर्वजों से गलत मार्गदर्शन।
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यह दोष व्यक्ति को 36 वर्ष की आयु तक जितना संभव हो सके उतना खराब कर देता है, क्योंकि शनि भी जीवन में ऐसे व्यक्ति का साथ नहीं देता। ज्योतिष में शनि भगवान सूर्य के पुत्र का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि विपरीत शनि व्यक्ति को अंधकार की ओर ले जाता है और जीवन में असफलता की ओर ले जाता है।
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लेकिन इस पितृ दोष का बड़ा फायदा यह है कि यह व्यक्ति को जीवन में प्रारंभिक अवस्था में आसानी से यह जानने में मदद करता है कि उसके साथ कौन है या नहीं। 36 साल बाद की तरह। इसका राहु जो सूर्य को मुक्त छोड़ देता है और व्यक्ति का समर्थन करना शुरू कर देता है क्योंकि उस समय शनि भी कई तरह से व्यक्ति का समर्थन करता है। यह पितृ दोष (Pitra Dosh) नवम भाव में राहु और सूर्य के साथ निर्मित हुआ है।
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पितृ दोष शांति के नि:शुल्क उपाय
- भगवान हनुमान जी की पूजा शुरू करें।
- सूर्य के 11 नामों और गायत्री मंत्र के साथ भगवान सूर्य को दैनिक जल।
- अपने पूर्वजों के लिए दैनिक प्रार्थना। उन्हें आपकी मदद करने और जीवन में समर्थन करने के लिए कहें।
- पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
- शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।
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- सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
- प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।
- कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।
- ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
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- पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्?भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है।
- पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है।
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