रुद्राक्ष महोत्सव एंव श्री शिव महापुराण कथा शामिल होने लिए पहुंचे लाखों श्रद्धालु, अब कथा का आयोजन ऑनलाइन
भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की आंखों से उस समय आंसू झलक उठे, जब उन्हें लाखों शिव भक्तों के सामने इस बात का ऐलान करना पड़ा कि रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Festival) एंव श्री शिव महापुराण (Shri Shiv Mahapuran) कथा में शामिल श्रद्धालुओं और भक्तों को वापस अपने-अपने घर लौटना होगा, अब रुद्राक्ष महोत्सव एंव श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण आस्था चैनल के माध्यम से उन्हें घर पर ही करना होगा। भावगत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा की आंखों से आसू झलकता देख कई भक्तों की आंखों में भी आंसू आ गये।
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सीहोर के पास चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर (Kubereshwar Mahadev Temple) में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में शिव नवरात्री में सुख-समृद्धि की कामना और धर्म को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सात दिवसीय भव्य रुद्राक्ष महोत्सव एवं श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन सोमवार से शुरू होने वाला था, लेकिन कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से जहां सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया, वहीं बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पूरे आयोजन को निरस्त कर केवल आॅनलाईन चैनल पर दिखाने का निर्णय लिया गया है।
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यह थी व्यवस्था…
भक्तों के ठहरने के लिए मंदिर परिसर में ही बने 10 हजार फीट का भव्य पंडाल बनाया गया है। आयोजन समिति ने भटोनी गेट से प्रवेश द्वारा बनाया है और करीब 60 एकड़ क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर वाहन पार्किंग की भी व्यवस्था भी की गई है। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सोमवार से मंदिर के विशाल परिसर में होने वाले भव्य रुद्राक्ष महोत्सव एंव श्री शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को सात दिवस के अंदर 11 लाख से अधिक अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण किया जाना था।
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दूसरी बार था कार्यक्रम
भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा (Bhagwat Bhushan Pandit Pradeep Mishra) ने कहा कि एक मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं। भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। रुद्राक्ष यानी रुद्र का अक्ष (आंसू ) कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है।
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लग गया 30 किमी लंबा जाम
भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के एक आव्हान पर प्रदेश ही नही बल्कि अन्य प्रदेशों सहित देशभर से बड़ी संख्या में शिव भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, स्थिति यह हो गई कि सोमवार सुबह तक सिहोर सहित भोपाल के मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। जिससे लगभग 30 किमी लंबा जाम लग गया। इतना ही नही लाखों की संख्या में पहुंचे भक्तों को संभालने की व्यवस्था भी कायम रखने में प्रशासन ने घूटने टेक दिये। आखिर में आयोजन और भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा को कार्यक्रम निरस्त करने पर मजबूर होना पड़ा।
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