अहमदाबाद विमान हादसा: 241 की मौत, एकमात्र जीवित बचे रमेश विश्वास कुमार
एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 क्रैश, पूर्व सीएम रूपाणी का भी निधन

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून 2025 को एक भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के मात्र दो मिनट बाद मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 12 क्रू मेंबर्स समेत 241 लोगों की जान चली गई। हादसे में केवल एक यात्री, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार (40), चमत्कारिक रूप से बच पाए।
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हादसे का विवरण
उड़ान AI-171 ने दोपहर 1:38 बजे (IST) अहमदाबाद हवाई अड्डे के रनवे 23 से उड़ान भरी। विमान ने टेकऑफ के बाद केवल 625 फीट की ऊंचाई हासिल की थी कि 30 सेकंड के भीतर एक जोरदार आवाज के साथ यह बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल की एक इमारत से जा टकराया। यह इमारत डॉक्टर्स हॉस्टल के रूप में उपयोग की जाती थी, जहां उस समय 50-60 मेडिकल छात्र और डॉक्टर मौजूद थे। हादसे के समय विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। यात्रियों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे, और 2 नवजात थे। विमान को कैप्टन सुमीत सभरवाल (8,200 घंटे का उड़ान अनुभव) और को-पायलट क्लाइव कुंदर (1,100 घंटे का अनुभव) संचालित कर रहे थे।
हादसे के तुरंत बाद विमान ने हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) को “मेडे” कॉल जारी किया, जो एक आपातकालीन संकेत है। इसके बाद विमान से संपर्क टूट गया, और यह 1:40 बजे मेघानी नगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद विमान में भारी मात्रा में ईंधन (लगभग 1.25 लाख लीटर) होने के कारण भीषण आग लग गई, जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो गए।
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एकमात्र जीवित बचे रमेश विश्वास कुमार
हादसे में एकमात्र जीवित बचे रमेश विश्वास कुमार, जो सीट नंबर 11A (इकोनॉमी क्लास की विंडो सीट, आपातकालीन निकास के पास) पर बैठे थे, ने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार आवाज सुनाई दी और विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। रमेश ने कहा, “जब मुझे होश आया, तो मेरे आसपास लाशें ही लाशें थीं। मैं डर गया था। मैं उठा और भागा। विमान के टुकड़े मेरे चारों ओर बिखरे थे। किसी ने मुझे पकड़ा और एम्बुलेंस में अस्पताल पहुंचाया।” रमेश अपने भाई अजय के साथ लंदन जा रहे थे, जो इस हादसे में लापता हैं। रमेश को गंभीर चोटें आईं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उनके भाई नयन कुमार रमेश ने स्काई न्यूज से कहा, “यह एक चमत्कार है कि वह बच गए। उन्होंने हमारे पिता को वीडियो कॉल कर बताया कि विमान क्रैश हो गया और वह नहीं जानते कि कैसे बाहर निकले।”
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हादसे का प्रभाव और जमीन पर हताहत
विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस से टकराया, जहां उस समय 100 से अधिक मेडिकल छात्र दोपहर का भोजन कर रहे थे। इस टकराव से इमारत को भारी नुकसान पहुंचा, और कम से कम 5 मेडिकल छात्रों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए। अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक ने बताया कि जमीन पर भी कई हताहत हुए, और कुल मृतकों की संख्या 260 से अधिक हो सकती है। शवों की स्थिति ऐसी है कि अधिकांश की पहचान करना मुश्किल है, क्योंकि आग और विस्फोट के कारण कई शव बुरी तरह झुलस गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शवों की पहचान के लिए 1,000 से अधिक डीएनए टेस्ट किए जाएंगे, और गुजरात में इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट करने की क्षमता मौजूद है।
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बचाव और राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अग्निशमन दल, पुलिस, और स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया। सात NDRF टीमें, दर्जनों एम्बुलेंस, और अग्निशमन वाहन घटनास्थल पर पहुंचे। बचाव कार्य रात तक चला, और 200 से अधिक शव बरामद किए गए। घायलों को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल और केडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां सभी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
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आधिकारिक प्रतिक्रियाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम मोदी ने हादसे को “हृदयविदारक” बताते हुए ट्वीट किया, “अहमदाबाद का हादसा हमें स्तब्ध और दुखी कर गया है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।”
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह: शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, और पुलिस आयुक्त से बात की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने रमेश विश्वास कुमार से अस्पताल में मुलाकात भी की।
- एयर इंडिया और टाटा समूह: एयर इंडिया ने एक बयान में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मृत्यु की पुष्टि की और पीड़ितों के परिवारों के लिए समर्थन केंद्र स्थापित किए। टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा की।
- बोइंग: बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कहा कि कंपनी भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही है। यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, जो 2011 में शुरू हुआ था।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने हादसे पर दुख जताया और सहायता की पेशकश की।
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जांच और संभावित कारण
हादसे की जांच भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB), डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), और बोइंग की तकनीकी टीम द्वारा शुरू की गई है। अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और यूके का एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी सहायता के लिए भारत पहुंचे हैं। प्रारंभिक जांच में इंजन विफलता, पक्षी टकराव, या तकनीकी खराबी जैसे संभावित कारणों पर विचार किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि टेकऑफ के दौरान विमान का लैंडिंग गियर नीचे होना और विंग फ्लैप्स की स्थिति असामान्य थी, जो हादसे का कारण हो सकती है। ब्लैक बॉक्स की जांच से और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है।
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हादसे का प्रभाव
- अहमदाबाद हवाई अड्डा: हादसे के बाद सभी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं, लेकिन बाद में सीमित क्षमता के साथ परिचालन फिर से शुरू हुआ।
- आर्थिक प्रभाव: बोइंग के शेयरों में 7% की गिरावट दर्ज की गई। एयर इंडिया, इंडिगो, और स्पाइसजेट के शेयर भी प्रभावित हुए।
- सामाजिक प्रभाव: हादसे ने स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया। मेघानी नगर के निवासियों ने बताया कि आग और धुएं के गुबार ने इलाके को युद्धक्षेत्र जैसा बना दिया।
सुरक्षा सुझाव
- यात्रियों के लिए: आपातकालीन निकास के पास की सीटों का महत्व इस हादसे से स्पष्ट होता है। यात्रा से पहले सुरक्षा निर्देशों को ध्यान से सुनें।
- एयरलाइंस के लिए: नियमित रखरखाव और पायलट प्रशिक्षण पर और ध्यान देना आवश्यक है।
- नागरिकों के लिए: संदिग्ध विमान गतिविधि देखने पर तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
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निष्कर्ष
यह हादसा भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास का सबसे भयावह हादसों में से एक है। विजय रूपाणी जैसे प्रमुख व्यक्तित्व और कई निर्दोष लोगों की जान जाने से देश में शोक की लहर है। रमेश विश्वास कुमार का जीवित बचना एक चमत्कार है, जो आपातकालीन निकास की सीटों के महत्व को दर्शाता है। जांच पूरी होने पर हादसे के कारणों का खुलासा होगा, लेकिन अभी के लिए देश पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता में खड़ा है।
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