शासकीय भूमि को निजी बताकर 21 साल से वसूल रहा किराया
– संदीप शर्मा नामक व्यक्ति ने विरेंद्र खंडेलवाल के खिलाफ की शिकायत
उज्जैन। शासकीय भूमि सर्वे क्रं. 1729/1 को निजी बताकर विरेन्द्र खण्डेलवाल द्वारा वर्ष 1991 यानि लगभग 21 सालों से अवैध रूप से किराया वसूल किया जा रहा है। जिसकी शिकायत संदीप शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा की गई है। उक्त शिकायत में उल्लेख किया गया है कि न्यायालय को भी विरेंद्र खंडेलवाल द्वारा गलत जानकारी दी गई है।
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निजातपुरा निवासी संदीप शर्मा ने बताया कि भूमि सर्वे क्रं. 1729/1 जिसका रकवा 2.801 है, शासकीय रिकार्ड में शासकीय भूमि (government land) है जिसका कब्जा वर्ष 2015 में सरकार द्वारा ले लिया गया है। इस संबंध में पंचनामा भी बनया गया था। लेकिन उसके बावजूद विरेन्द्र खण्डेलवाल आदि द्वारा न्यायालय को गलत जानकारी दी गई है और अपनी निजी भूमि बताकर उक्त शासकीय भूमि पर स्थित दुकानें अपनी बताकर संदीप शर्मा को दुकान किराये पर दी गई और वर्ष 1991 से संदीप शर्मा से किराया वसूला गया।
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किराया देना बंद किया तो कर दिया केस
संदीप शर्मा ने बताया कि जब उसे जानकारी लगी कि भूमि सरकारी है कब्जा शासन के पास है तब उन्होंने 2016 में उक्त दुकान का किराया विरेन्द्र खण्डेवाल को देना बंद कर दिया। विरेन्द्र खण्डेवाल ने न्यायलय को गुमराह कर असत्य जानकारी देकर संदीप शर्मा के विरूद्ध उज्जैन न्यायालय में किरायेदारी का प्रकरण प्रस्तुत किया। वर्ष 2021 में दुकान का कब्जा ले लिया और संदीप शर्मा से दुकान खाली करवाई और स्वयं का ताला लगा दिया गया, जबकि उक्त सर्वे क्रमांक की भूमि पर स्थित दुकान शासकीय भूमि पर स्थित है।
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फर्जी कंपनी बनाकर बेच दी सरकारी जमीन
संदीप शर्मा का आरोप है कि विरेन्द्र कुमार खण्डेवाल एवं सत्येन्द्र कुमार खण्डेलवाल द्वारा अनुष्का ट्रेडिंग कंपनी प्रा.लि. के नाम से फर्जी कंपनी बनाई और कानून के प्रावधानों को नजरअंदाज करके ताकायमी कारखाने की उक्त भूमि के दो भाग 19 फरवरी 2014 को रजिस्ट्री के द्वारा लाखों में बेच दिये गये, जबकि उक्त भूमि सरकारी होकर सरकार के कब्जे में है। वर्तमान में विरेन्द्र खण्डेलवाल द्वारा उक्त भूमि को स्वयं की निजी बताकर लाखों रूपयों का किराया आज भी वसूल किया जा रहा है जबकि उक्त भूमि और भूमि पर निर्मित दुकानें शासकीय हैं।
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