सूर्य एवं चंद्रमा कभी भी वक्री नहीं होते
सूर्य एवं चंद्रमा कभी भी वक्री नहीं होते हैं। राहु एवं केतु हमेशा वक्री रहते हैं। मंगल, बुध, गुरु, शुक्र एवं शनि मार्गी एवं वक्री होते रहते हैं। ग्रह जब वक्री होते हैं तो वे पहले जिस राशि में थे वापिस उसी राशि में चले जाते हैं जैसे कोई ग्रह मेष राशि में अपना गोचर का समय पूरा करके वृषभ राशि में आ गया और यदि वक्री हो गया तो वापस व मेष राशि में चला जाता है।
Also read- दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है, जाने दुर्गा सप्तशती पाठ के चमत्कार
ग्रह के वक्री होने का मतलब यह नहीं है कि ग्रह जिस दिशा में चल रहे हैं वक्री होते समय वापिस उल्टी दिशा में चलने लगे। जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते समय मंगल, बुध, गुरु, शुक्र या शनि के नजदीक चली जाती है तब ऐसा प्रतीत होता है कि पृथ्वी उन ग्रहों से तेज चल रही है और ग्रह पीछे की ओर चल रहे हैं। जबकि वास्तव में वक्री ग्रह एवं पृथ्वी अपनी निश्चित दिशा में हीं परिक्रमा करते रहते हैं।
Also read- नंदी जी के कान में क्यों कहीं जाती है मनोकामनाएं
वक्री ग्रहों का फलादेश एवं प्रभाव
जब ग्रह वक्री होते हैं तब उनके फलादेश में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होता है। कुछ लोगों ने इसके बारे में बहुत लंबी चौड़ी कहानी लिखकर लोगों को भ्रमित किया है जबकि ज्योतिष के जितने भी मुख्य ग्रंथ हैं उसमें ज्यादातर ऋषि यही कह रहे हैं कि वक्री का मतलब मात्र ग्रहों के बल में वृद्धि होना है। जब ग्रह वक्री होते हैं उस समय मात्र ग्रहों के बल में कुछ वृद्धि हो जाती है वक्री होने का मतलब यह नहीं है कि 2 गुना 3 गुना प्रबल हो गए।
Also read- शिवलिंग पर शंख से जल क्यों नहीं चढ़ाते?
जैसे किसी लग्न की कुंडली में मंगल द्वितीय भाव में विराजमान होकर जो फल दे रहा है यदि उसी लग्न की कुंडली में द्वितीय भाव में मंगल वक्री हो जाए तो पहले और अभी के फलादेश में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होगा बल्कि ग्रह जिस समय वक्री हो रहा है उस समय वह जितने अंश पर हैं उससे ज्यादा प्रबल हो जाएगा।
Also read- जानिए अपने इष्ट देवता को..? परेशानी से मिलेगी मुक्ति
(यह ऊपर मैं बता चुका हूं कि जब पृथ्वी परिक्रमा करते हुए ग्रहों के नजदीक जाती हैं उस वक्त यह माना जाता है एक ग्रह वक्री हैं और उनके बल में वृद्धि होती है। उदाहरण से समझिये, जैसे यदि आप कहीं आग जलाकर उस से 2 फिट दूर पर खड़े हो तब जितनी गर्मी लग रही है यदि आप 1 फुट नजदीक जाएंगे तो गर्मी ज्यादा लगेगी। उसी प्रकार जिस ग्रह का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ रहा है वक्री होने पर उसका प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाता है।)
Also read- रुद्राभिषेक कब, कैसे करने से मिलेंगा लाभ
यदि कोई ग्रह साधारण फलादेश के अनुसार परेशानी कर रहा है और वक्री है तो परेशानी ज्यादा करेगा यदि कोई ग्रह फलादेश के अनुसार जीवन में लाभ और उन्नति दे रहा है यदि वक्री है तो ज्यादा लाभ और उन्नति देगा।
Also read- नजर कैसे लगती है? और ये है बुरी नजर का तोड़
नीच राशि में वक्री ग्रहों का प्रभाव
यदि कोई ग्रह अपने नीच राशि में विराजमान है और वक्री हो गया तब उस समय उस ग्रह में उच्च राशि के समान बल या प्रभाव हो जाता है। जब ग्रह नीच राशि में विराजमान होते हैं तब इसका अर्थ यह होता है कि मात्र उसके बल में कमी हो गई है जैसा कि आपको ऊपर बता चुका हूं कि ग्रह जब वक्री होते हैं तो उनके बल में वृद्धि होती है इसलिए जब ग्रह नीच राशि में विराजमान होकर कम बली होते हैं और वक्री होते हैं तो उनके बल में वृद्धि हो जाती है।
Also read- सूर्य को मजबूत करने का एक सफल प्रयोग
अत: वह उच्च राशि में विराजमान के समान फल देने लगते हैं परंतु इसमें भी ग्रहों के अंश को देखना जरूरी है जैसे यदि कोई ग्रह 2 अंश का है या 27 28 अंश का है और वक्री हो गया तब इसका मतलब यह नहीं है कि उसमे पूर्ण बल प्राप्त हो गया। ऐसी अवस्था में ग्रहों के वक्री होने के बाद भी उस को प्रबल करने का उपाय करना चाहिए। (यह सब अनुभव की बात है जब लगातार आप ज्योतिष का अध्ययन करेंगे और लोगों की कुंडली का विश्लेषण करके उनके जीवन में होने वाले घटनाओं का अध्ययन करेंगे तब इसे पूर्ण रूप से समझ सकते हैं।)
Also read- घर की दहलीज पर हैं ये 10 शुभ चीजें तो सफलता और खुशियां आएंगी दौड़कर
उच्च राशि में वक्री ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिष के ग्रंथों में यह लिखा है कि यदि ग्रह उच्च राशि में विराजमान हो और वक्री हो जाए तो नीच राशि के समान फल देते हैं अर्थात उनके बल में कमी हो जाती हैं वह ग्रह जिस भाव के स्वामी होते हैं उस भाव से संबंधित फल में कमी हो जाती है। परंतु मुझे यह बात सही नहीं लगती इस पर हमें शोध करने की आवश्यकता है क्योंकि जब ग्रह वक्री होते हैं तो मात्र उनके बल में वृद्धि होती है तो जब ग्रह उच्च राशि में विराजमान होंगे तो वह नीच के समान फल कैसे देंगे।
Also read- प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य युक्तियाँ/ ANCIENT INDIAN HEALTH TIPS
जय श्री महाकाल, आपके मन में कोई शंका या प्रश्न हो मुझसे कुछ छूट गया हो अथवा किसी अन्य विषय पर मन में कोई प्रश्न हो या जन्म कुंडली का संपूर्ण विश्लेषण करवाने के लिए आप मुझे मेरे नंबर 7692849650 पर कॉल करें या व्हाट्सप्प करें । मैं कोशिश करूँगा आपके सवालो के जवाब देने का और उस विषय पर अलग से लेख लिखने का ।
पढ़िए ख़बरें-
पढ़त रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…
जड़, पेड़, फल-फूल का ज्योतिषीय उपाय