
उज्जैन। केंद्रीय मंत्रि-परिषद ने बुधवार को ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंजूरी दे दी है, जो देश के 100 जिलों में किसानों के जीवन को समृद्ध करने और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना की स्वीकृति पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना ‘उन्नत कृषि-समृद्ध किसान’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को नई दिशा और शक्ति प्रदान करेगी।
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योजना का उद्देश्य और महत्व
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का मुख्य उद्देश्य देश के 100 चुनिंदा जिलों में कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देना और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाना है। इसके अतिरिक्त, योजना का लक्ष्य पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलोत्तर भंडारण सुविधाओं को मजबूत करना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना, और दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को अत्यंत अभिनंदनीय बताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना देश के अन्नदाताओं के लिए एक नया सूर्योदय लाएगी। यह 100 जिलों के समग्र विकास को समर्पित है और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
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योजना की प्रमुख विशेषताएं
- कालावधि और कवरेज: यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होकर 6 वर्षों तक चलेगी और देश के 100 जिलों को कवर करेगी।
- जिलों का चयन: जिलों का चयन तीन प्रमुख संकेतकों – कम उत्पादकता, कम फसल तीव्रता, और कम ऋण वितरण – के आधार पर किया जाएगा।
- संचालन: योजना का संचालन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य प्रादेशिक योजनाओं, और निजी क्षेत्र के साथ जन साझेदारी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के माध्यम से किया जाएगा।
- निगरानी और मूल्यांकन: योजना की प्रगति की निगरानी के लिए जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। प्रत्येक जिले में 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) के आधार पर प्रगति का आकलन किया जाएगा।
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प्रमुख लक्ष्य:
- कृषि उत्पादकता में सुधार।
- फसल विविधिकरण और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा।
- फसलोत्तर भंडारण और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार।
- ऋण सुविधाओं की उपलब्धता में वृद्धि।
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मध्य प्रदेश में योजना का प्रभाव
मध्य प्रदेश, जो एक प्रमुख कृषि-प्रधान राज्य है, में इस योजना के तहत कई जिलों को शामिल किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ राज्य के किसानों के लिए न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगी, बल्कि उन्हें आधुनिक और टिकाऊ कृषि तकनीकों से जोड़ने में भी मदद करेगी। उन्होंने कहा, “यह योजना मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी। यह हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में और तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेगी।”
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किसानों के लिए नया अवसर
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ न केवल कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य रखती है, बल्कि यह किसानों को नए अवसर प्रदान करने और उनकी आय को दोगुना करने की दिशा में भी काम करेगी। योजना के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी से आधुनिक तकनीकों और नवाचारों को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे किसानों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायता मिलेगी।
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कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ देश के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरूआत करने जा रही है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। इस योजना की सफलता के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की साझेदारी और किसानों का सहयोग महत्वपूर्ण होगा।
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