पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को दिया अंजाम

झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पटवारी विशाल गोयल को 12,500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ग्राम करणगढ़, तहसील पेटलावद के निवासी रमेश पिता राणजी की शिकायत पर की गई, जिन्होंने पटवारी द्वारा सीमांकन के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
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मामले का विवरण
इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि रमेश, उम्र 45 वर्ष, निवासी ग्राम करणगढ़, तहसील पेटलावद, जिला झाबुआ, ने अपनी और अपनी पत्नी के नाम पर क्रमश: 2-2 बीघा कृषि भूमि के सीमांकन के लिए आनलाइन लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया था। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पटवारी विशाल गोयल, हल्का क्रमांक 13, मोई चारिणी, तहसील पेटलावद, ने उनसे 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।
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रमेश ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत 22 मई 2025 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय, विशेष पुलिस स्थापना (विपुस्था), लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर को की। लोकायुक्त ने शिकायत की गहन जांच की और सत्यापन में रमेश के आरोप सही पाए गए। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पटवारी ने बाद में रिश्वत की राशि को 12,500 रुपये तक कम करने पर सहमति जताई। इसके आधार पर लोकायुक्त ने ट्रैप दल का गठन किया।
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ट्रैप आपरेशन और गिरफ्तारी
24 मई 2025 को लोकायुक्त के ट्रैप दल ने सुनियोजित कार्रवाई के तहत पटवारी विशाल गोयल को रमेश से 12,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई पेटलावद के विश्राम गृह में की गई। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है, और आगे की कार्रवाई जारी है। ट्रैप दल में डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक दिनेश भोजक, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक रामेश्वर निंगवाल, आरक्षक शैलेन्द्र बघेल, आरक्षक आशीष आर्य, आरक्षक कृष्ण अहिरवार, और वाहन चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश
लोकायुक्त की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय ने कहा, हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। इस तरह की कार्रवाइयां भ्रष्ट अधिकारियों को सख्त संदेश देती हैं कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की सूचना बिना डर के लोकायुक्त कार्यालय को दें।
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स्थानीय प्रतिक्रिया
ग्राम करणगढ़ के निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। रमेश ने लोकायुक्त को धन्यवाद देते हुए कहा, मैंने हिम्मत करके शिकायत की थी, और आज मुझे न्याय मिला। यह आम लोगों के लिए एक बड़ी जीत है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने में मदद करेंगी। आरोपी पटवारी विशाल गोयल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है। लोकायुक्त कार्यालय ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में और भी गहन जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य लोगों का भी इसमें संलिप्तता है।
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