महाकाल मंदिर की आईडी ब्लॉक कर बेचते थे भस्म आरती
- 1300 की जगह 1700 से 2000 भक्तों को मिलती थी एंट्री

उज्जैन। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से रुपए लेकर अवैध तरीके से दर्शन कराने के मामले में पुलिस ने अब तक 13 लोगों को आरोपी बनाया है। इसमें मंदिर के कर्मचारी से लेकर आउटसोर्स कर्मचारी और मीडिया कर्मी भी शामिल हैं। मंदिर में वैसे तो महज 1300 लोगों को ही भस्म आरती में प्रतिदिन प्रवेश देने का नियम है, लेकिन आईडी ब्लॉक कर 1500 से लेकर 1700 तक और कभी-कभी 2000 भक्तों को भी नंदी हाल में जाने की अनुमति बाले-बाले इनके द्वारा प्रदान की जाती थी।
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पुलिस जांच में पता चला है कि मंदिर के कर्मचारी अवैध रूप से दर्शन कराने के साथ-साथ भस्म आरती की परमिशन में भी बड़ा खेल करते थे। रुपए कमाने के लालच में आईटी शाखा में पदस्थ कर्मचारी समय खत्म होने के बाद भी मंदिर की आईडी से भस्म आरती की परमिशन बनवा लेते थे। वहीं एडीएम की आइडी ब्लॉक कर देते थे। सूत्रों से मिली जानकारी में पता चला कि महाकाल मंदिर के आईटी शाखा के प्रमुख राजकुमार सिंह और जिला सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव ने कई बार भस्म आरती की परमिशन शाम 7 बजे के बाद भी मंदिर की आईडी से बनवाई। जबकि शाम 7 बजे बाद मंदिर की आईडी को ब्लॉक कर दिया जाता था। इसी तरह ये खेल एडीएम की आईडी ब्लॉक कर भी किया गया। जबकि एडीएम की आईडी भी शाम सात बजे बंद हो जाती थी।
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एडीएम को आईडी ब्लॉक कर होता था खेल
सूत्रों के अनुसार भस्म आरती के नाम पर रुपए उगाने का खेल भस्म आरती के लिए मंदिर और एडीएम को दी गई लॉग इन आईडी से होता था। शाम सात बजे के बाद मंदिर से भस्म आरती परमिशन बनाने पर प्रतिबंध था। मंदिर की आईडी से दर्शनर्थियों की संख्या फुल हो जाती थी तो एडीएम को मिली 120 सीटों से खेल शुरू होता था। इस दौरान एडीएम की आईडी को ब्लॉक कर और मंदिर की आईडी को बढ़ाकर रात 10 बजे तक 100 से अधिक भस्म आरती की परमिशन बनाई जाती थी।
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1300 की परमिशन लेकिन अनुमति 2000 तक
भस्म आरती के लिए पुजारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया, न्याय विभाग सहित अन्य विभागों को प्रोटोकाल भस्म आरती की सुविधा दी जा रही है। इनमे भी कोटा निर्धारित है। मंदिर में आग लगने के बाद प्रशासन ने भस्म आरती में बैठने के लिए दर्शनार्थियों की जगह के लिए कार्तिक मंडपम, गणेश मंडपम और नंदी हाल का एरिया नपवाकर मंदिर समिति को 1300 से अधिक भक्तों को भस्म आरती में अनुमति देने से मना किया था। एक- दो हफ्ते तक नियम के तहत एंट्री दी गई लेकिन इसके बाद फिर से 1500 से लेकर 1700 तक और कभी-कभी 2000 भक्तों को भी नंदी हाल में जाने की अनुमति मिलने लगी। इनमें एक्स्ट्रा भस्म आरती की अनुमति शाम 7 बजे के बाद मंदिर की आईटी शाखा से बनवाई जाती थी।
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अब तक इन पर कार्यवाही
दर्शन के नाम पर अवैध वसूली के मामले में करीब 10 दिन से चल रही जांच में मंदिर के कर्मचारी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद जिला प्रोटोकॉल देखने वाले अभिषेक भार्गव, मंदिर के सभा मंडप में दर्शन प्रभारी राजेंद्र सिसोदिया, आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, भस्म आरती निरीक्षक रितेश शर्मा और मंदिर में आउटसोर्स कंपनी के दो कर्मचारी ओम प्रकाश माली और जितेंद्र परमार के खिलाफ भी महाकाल थाने में एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार किया था। इनमें से रितेश को छोड़कर बाकि सभी को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। जबकि रितेश शर्मा दो दिन के पुलिस रिमांड पर था उसे गुरुवार को पेश किया गया। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने रितेश को जेल भेज दिया है।
कुल 13 आरोपी बने अभी और बढ़ेंगे
भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा से पूछताछ में पुलिस को काफी कुछ नई जानकारी मिली है। अवैध दर्शन कराने में सहयोगी रहे ट्रेवल्स फूल प्रसादी, निजी गार्ड समेत मीडिया का दुरुपयोग करने वाले भी कुछ नाम सामने आए थे। उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा का कहना है कि रितेश से पूछताछ के बाद गुरुवार को पुलिस ने पांच नए आरोपी बनाए हैं। इनमें भस्म आरती प्रभारी आशीष शर्मा, व्यवस्थापक समेत क्रिस्टल कंपनी का सुपरवाइजर करण राजपूत, मीडियाकर्मी पंकज शर्मा और एक अन्य कर्मचारी और मीडिया कर्मी को आरोपी बनाया है। पांच के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी बनाया है। इनमें अभी और आरोपी बढ़ सकते हैं।
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