इंदौर से उज्जैन की यात्रा होगी और भी आसान, मात्र 45 मिनट में पूरा होगा सफर
1692 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन मार्ग का होगा निर्माण

उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन के अनुरूप संत-महंत और श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए आगामी सिंहस्थ महाकुंभ-2028 को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन-इंदौर फोरलेन मार्ग को सिक्सलेन में परिवर्तित किया जा रहा है। यह महत्वपूर्ण मार्ग देवी अहिल्या की नगरी इंदौर से आध्यात्मिक नगरी उज्जैन को जोड़ेगा, जिससे यातायात सुविधाओं में व्यापक सुधार होगा। उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन परियोजना का भूमि पूजन 19 सितंबर 2024 को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू द्वारा किया गया था। इसके पश्चात प्रारंभिक सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 15 जनवरी 2025 से निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
यह भी पढ़े- बदमाश ने युवती का गला रेता, हालत गंभीर
निर्माण योजना और विशेषताएँ
उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन मार्ग की कुल लंबाई इंदौर के अरविंदो मेडिकल कॉलेज से उज्जैन के हरी फाटक चौराहे तक होगी। इस परियोजना के अंतर्गत मुख्य सिक्सलेन मार्ग के अतिरिक्त दोनों ओर दो-दो लेन की सर्विस रोड का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे स्थानीय यातायात को सुगमता मिलेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। परियोजना के तहत क्षिप्रा नदी और कान्ह नदी पर वृहद पुल का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, उज्जैन के महामृत्युंजय द्वार तिराहे और शांति पैलेस चौराहे पर फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या समाप्त होगी।
यह भी पढ़े- रतलाम की सड़कों पर इंदौर के युवाओं की स्टंटबाजी
छह व्हीकुलर अंडरपास का निर्माण किया जाएगा
- ग्राम धरमपुरी में 1 अंडरपास
- ग्राम सावेर में 3 अंडरपास
- ग्राम पंथपिपलाई में 1 अंडरपास
- उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे पर 1 अंडरपास
- साथ ही, अन्य स्ट्रक्चर्स जैसे ट्रक एवं बस ले बाय, पुलिया आदि का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे यात्रा और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी।
यह भी पढ़े- उज्जैन पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 13 ड्रग तस्कर गिरफ्तार, 1.03 करोड़ की ड्रग्स जब्त
यात्रा समय में कमी और औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन परियोजना के पूर्ण होने के बाद इंदौर से उज्जैन की यात्रा मात्र 45 मिनट में पूरी की जा सकेगी, जो वर्तमान में 80 मिनट लगती है। यह हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी। व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और स्थानीय नागरिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
यह भी पढ़े- जनपद पंचायत से भाजपा का वनवास खत्म, भंवरबाई निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित
निर्माण लागत और रखरखाव योजना
उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन कार्य की कुल लागत 1692 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। यह कार्य विद्यमान भूमि पर ही किया जाएगा और इसे 14 जनवरी 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत, अगले 15 वर्षों तक इस मार्ग के रखरखाव का कार्य निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार, पूरी परियोजना पर आगामी 17 वर्षों में कुल 1692 करोड़ रुपए का व्यय होगा।
यह भी पढ़े- कुत्तों के झुंड बच्चे को काटा, 107 टांके आए
सिंहस्थ-2028 के लिए विशेष योगदान
2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान यह नया सिक्सलेन मार्ग श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुगम बनाएगा। सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे यातायात का दबाव बढ़ जाता है। यह उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन परियोजना भीड़ प्रबंधन में सहायक होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी।
यह भी पढ़े- नई आबकारी नीति को मंजूरी: महंगी होगी शराब
विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन परियोजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस परियोजना के माध्यम से न केवल यातायात को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि उज्जैन और इंदौर के बीच आर्थिक, औद्योगिक और धार्मिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। इससे नागरिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पूरे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
यह भी पढ़े- तीन युवकों ने पीया जहर, इंस्टाग्राम पर शेयर किया वीडियो
पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…