
राजस्थान के जाडन (पाली जिला) में विश्व का एकमात्र ओम् आकार का शिव मंदिर बनाया गया है। ओम् के आकार का यह दुनिया का एकमात्र भव्य मंदिर है, जहां पहाड़ और तालाब भी कृत्रिम रूप से तैयार किये गये है। लगभग 250 एकड़ में चार मंजिला इमारत से बनाये गये इस मंदिर में 108 कमरे भी है। इस मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि ओम् का आकार साकार होता दिखाई पढ़ता है। बताया जाता है कि इस मंदिर को बनाने में 28 साल लगे है। इसका लोकार्पण 19 फरवरी को किया जायेंगा। होने जा रहा है। यह मंदिर राजस्थान के जाडन (पाली जिला) में है।
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राजस्थान के जाडन (पाली जिला) में स्वामी महेश्वरानंद का विश्वदीप गुरुकुल आश्रम है, इसी गुरुकुल आश्रम के बीचों-बीच परिसर में ओम् आकार का शिव मंदिर बनाया गया है। मंदिर का शिलान्यास 1995 में हुआ था, लगातार 28 साल से मंदिर का निर्माण चल रहा था। विश्वदीप गुरुकुल आश्रम के सचिव स्वामी फूलपुरी ने अनुसार मंदिर और आश्रम परिसर का लोकार्पण 19 फरवरी को किया जायेंगा। शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे।
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10 से 18 फरवरी तक शिव पुराण कथा
आश्रम के सचिव स्वामी फूलपुरी ने अनुसार 10 फरवरी से कार्यक्रम की शुरूआत होगी। 10 से 18 फरवरी तक शिव पुराण कथा आयोजित होगी। इस समारोह में देशभर से साधु-संत और श्रद्धालु आएंगे जिनमें विदेश से 2500 के ज्यादा अनुयायी शामिल है। मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था आश्रम परिसर में विशेष कॉटेज बनाकर की जा रही है। लोकार्पण समारोह की तैयारियां अंतिम चरणों में है। संत महेश्वरानंद के भक्त, आश्रम प्रबंधन और 500 से ज्यादा वॉलेंटियर्स की टीम जुटी है।
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12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप के होंगे दर्शन
सचिव स्वामी फूलपुरी ने बताया कि ओम् आकार के शिव मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप के दर्शन होंगे, इसके साथ ही नंदी महाराज की विशाल प्रतिमा बनाई गई है। यहां सूर्य मंदिर भी है, जो अष्टखंड में बना है और अष्टचक्र का प्रतीक है। शिव मंदिर चार खंडों में बंटा है। एक हिस्सा जमीन के अंदर बना है। जबकि तीन हिस्से जमीन के ऊपर हैं। बीचों-बीच स्वामी माधवानंद की समाधि स्थापित है, समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां बनाई गई है।
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भगवान शिव की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं
चार खंडों में बंटा हुआ है भव्य शिव मंदिर है। मंदिर की इमारत में नागर शैली का स्थापत्य रखी गई है, वहीं वास्तु कला भी उत्तर भारतीय है। आधा किलोमीटर के दायरे में फैले मंदिर की नींव रखे जाने के वक्त भी देशभर से साधु संत आए थे। मंदिर में भगवान शिव की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं हैं। मंदिर परिसर में कुल 108 कमरे है है और शिखर 135 फीट ऊंचा है। सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग है। शिवलिंग पर ब्रह्मांड की आकृति है।
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आश्रम में श्रीमाधवानंद योगा विश्वविद्यालय भी
सचिव स्वामी फूलपुरी ने बताया कि शिव मंदिर के अलावा आश्रम में श्रीमाधवानंद योगा विश्वविद्यालय भी है। चार मंजिला इमारत में स्कूल-कॉलेज भी है। विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट ने इसका निर्माण कराया है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का गुलाबी बंशी पहाड़पुर का पत्थर इस्तेमाल किया गया है। यज्ञ के लिए हवन वेदी बनाई जा रही है। इसे बांस से तैयार किया जा रहा है।
विदेशी मेहमानों का हो रहा रजिस्ट्रेशन
आश्रम लोकार्पण समारोह में आने के लिए लगभग 2200 से ज्यादा विदेशी मेहमान रजिस्ट्रेशन अब तक करा चुके हैं। जिसमें आॅस्ट्रिया, आॅस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, जर्मन, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, यूएसए से आने वाले मेहमानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। सचिव स्वामी फूलपुरी के अुनसार महामंडलेश्वर महेश्वरानंद का कहना है कि ओम् ऐसा शब्द है जो आत्मा को परमात्मा से मिलाता है। इसलिए यहां ओम् आकार का मंदिर बनवाया गया है।
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जाडन के समीप हाईवे पर ओम् आश्रम
राजस्थान के पाली जिले से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे- 62 पर जाडन के निकट ओम् आकार का शिव मंदिर बनाया गया है। इसके समीप जोधपुर एयरपोर्ट है, जो यहां से करीब 71 किलोमीटर दूर है। जाडन आश्रम तक ट्रेन से भी जाया जा सकता है। इसके लिए दिल्ली से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन में मारवाड़ जंक्शन तक का सफर करना होगा। मारवाड़ जंक्शन से जाड़न आश्रम की दूरी महज 23 किलोमीटर है। पाली-सोजत रूट पर चलने वाली बसों के माध्यम से भी जाडन आश्रम आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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