उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित के चुनाव का रास्ता साफ

उज्जैन। उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित, देवासगेट, उज्जैन के बहुचर्चित प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के ताजा फैसले से फिर एक नया मोड़ आ गया है। इस निर्णय से शीघ्र चुनाव का रास्ता साफ हो गया। पूर्व संचालक मण्डल ने इसे न्याय की जीत बताया है।
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उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित शहर की पुरानी नगरीय सहकारी बैंक है, जिसका एक गौरवमयी इतिहास है। शहर के लगभग 22 हजार सदस्य इससे जुड़े हैं। अधिकांश गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति इस बैंक के माध्यम से करते हैं। प्रति 5 वर्षों में इसके चुनाव प्रजातांत्रिक पद्धति से होकर संचालक मण्डल का गठन होता है। 30 सितम्बर 2021 को पुराने संचालक मण्डल का कार्यकाल पूर्ण हो चुका था।
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पीएम से लेकर सीएम तक शिकायत
सहकारिता विधान के अनुसार निर्धारित तिथि के पूर्व निर्वाचन होकर नये संचालक मण्डल का गठन होना था लेकिन निर्धारित अवधि में निर्वाचन अधिकारी के आदेश प्राप्त न होने से निर्वाचन न हो सके। संचालक मण्डल ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों से लेकर सहकारिता मन्त्री, मुख्यमन्त्री व प्रधानमन्त्री तक शिकायत दर्ज करायी थी। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
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न्यायालय में किया वाद दायर
उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित बैंक की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती शशि चन्देल द्वारा उच्च न्यायालय में विधान अनुसार निर्वाचन किये जाने के आदेश जारी करने हेतु रिट पिटीशन दायर की गयी। याचिका पर सर्वप्रथम न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को 17 सितम्बर-2021 को निर्णय दिनांक से एक माह के अन्दर बैंक के निर्वाचन कराये जाने का आदेश दिया।
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अधिकारियों को मिले नोटिस
निर्धारित अवधि तक उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर याचिकाकर्ता ने सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध न्यायालय की मानहानि सम्बन्धित कन्टेम्ट याचिका दायर की जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने 15 नवम्बर-2021 को सम्बन्धित अधिकारियों अजीत केसरी प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, नरेश पाल पंजीयक, मनीष श्रीवास्तव निर्वाचन प्राधिकारी, बी.एल. मकवाना संयुक्त पंजीयक, एन.एस. भाटी रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, कलेक्टर आशीष सिंह के विरूद्ध न्यायालय की अवमानना का कारण बताओ नोटिस जारी किया।
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27 तक चुनाव अधिकारी घोषित करे
लेकिन किसी भी अधिकारी का सन्तुष्टीकारक जवाब न मिलने पर न्यायमूर्ति विवेक रूशिया ने नाराजगी जताते हुवे सम्बन्धित अधिकारियों को आदेशित किया कि 27 जनवरी-2022 तक परस्पर बैंक के चुनाव हेतु चुनाव अधिकारी घोषित किया जाय अन्यथा न्यायालय स्वयं निर्वाचन अधिकारी घोषित कर देगा। इस हेतु अतिरिक्त महाधिवक्ता को बैंक के निर्वाचन करवाने की पात्रता रखने हेतु 3 नाम निर्धारित अवधि तक न्यायालय के समक्ष प्रेषित करने हेतु पाबन्द किया।
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पूर्व संचालक मंडल में हर्ष
यह उल्लेखनीय है कि लगभग 3.5 माह से भी ज्यादा अवधि से संचालक मण्डल न रहने से उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित बैंक में न केवल फाइनेन्स बन्द है एवं वसूली भी प्रभावित हो रही है। न्यायालय के उक्त फैसले से बैंक के पूर्व संचालक मण्डल के साथ ही बैंक से जुड़े 22 हजार सदस्यों में हर्ष की लहर है। उन्होंने इसे न्याय प्रक्रिया की जीत निरूपित किया। प्रकरण की पैरवी इन्दौर के अभिभाषक प्रसन्ना भटनागर ने की।
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यह थे उपस्थित
प्रेस कान्फ्रेंस में उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित संचालन मंडल से जुड़ी शशि चन्देल, अनिलसिंह चन्देल, बालकृष्ण उपाध्याय, निशा त्रिपाठी, गीता रामी, एस.एन. शर्मा, अजयशंकर जोशी, पुरुषोत्तम मिस्त्री, दिनेशप्रतापसिंह बैस, नरेन्द्रसिंह तोमर, हरदयालसिंह ठाकुर, राम सांखला, मोतीलाल निर्मल, मोतीलाल श्रीवास्तव, राजेश शास्त्री, हिमांशु जोशी उपस्थित थे।
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