प्रदेश

13 साल बाद पूर्व कलेक्टर, जिपं सीईओ सहित 7 को जेल

स्वच्छता अभियान में प्रिंटिंग सामग्री का 5.83 लाख का काम 33.54 लाख में कराया था

झाबुआ। मनरेगा और स्वच्छता अभियान में लगने वाली सामग्री की प्रिंटिंग में लाखों का खेल करने वाले पूर्व कलेक्टर, जिपं सीईओ सहित सात जिम्मेदारों को लोकायुक्त न्यायालय ने सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। इनके द्वारा 5.83 लाख रूपये में होने वाला काम 33.54 लाख में करवाया गया था, जिसकी शिकायत के बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच कर प्रकरण दर्ज किया था।

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कलेक्टर

मेघनगर के प्रिंटर राजेश सोलंकी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल की थी कि शासकीय छपाई का कार्य हुआ है, वह कितने रूपये का हुआ और किसने किया है तो जो जानकारी सामने आई वह चौकाने वाली थी। शासकीय छपाई का काम हुआ, उसके एवज में भोपाल के राहुल प्रिंटर्स को 33.54 लाख का भुगतान किया गया, जबकि ये काम 5.83 लाख रुपए में हो सकता था। जिसकी लिखित शिकायत राजेश सोलंकी ने लोकायुक्त इंदौर में की थी। आरोपियों ने अपने पद का दुरूपयोग कर मध्य प्रदेश शासन के आदेशानुसार शासकीय मुद्रण के समस्त कार्य शासकीय मुद्रणालय से न कराते हुए अन्य मुद्रणालय से कराकर निजी मुद्रणों को अवैध लाभ पहुंचाया है।

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जांच में हुआ भ्रष्टाचार का खुलासा

इंदौर लोकायुक्त ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि यहां लाखों का भ्रष्टाचार हुआ है। इसके बाद लोकायुक्त इंदौर ने झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया था। विशेष न्यायालय में परिवाद दायर कर इन सभी पर मुकदमा चलाया गया। लोकायुक्त विशेष न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) झाबुआ ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए मनरेगा और समग्र स्वच्छता अभियान में प्रिंटिंग सामग्री का 27.71 लाख रुपए अधिक भुगतान करने पर झाबुआ के तत्कालीन कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ सहित छह अफसरों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है। वहीं भोपाल के प्रिंटर्स को भी दोषी माना और उसे 7 साल की सजा दी है। सातों दोषियों को जमानत नहीं मिलने पर जेल भेज दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने तत्कालीन शासकीय मुद्रक एवं लेखन सामग्री उप नियत्रंक एके खंडूरी और देवदत्त को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।

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यह है पूरा मामला…

बताया जाता है कि जगदीश शर्मा जब झाबुआ कलेक्टर थे, तब मनरेगा के तहत स्वच्छता अभियान के पोस्टर सहित अन्य सामग्री की छपाई कराई गई थी। जिला प्रशासन ने ये काम गवर्मेंट प्रेस की जगह भोपाल की फर्म राहुल प्रिंटर्स से कराया गया था। इसकी ऐवज में फर्म राहुल प्रिंटर्स को 33.54 लाख रुपए का भुगतान किया गया, जबकि यही काम गवर्मेंट प्रेस से कराया जाता तो मात्र 5,83,891 रुपए में हो जाता। इस तरीके से शासन को 27 लाख 70 हजार 725 रुपए का चूना लगाया गया और इस भ्रष्टाचार में तात्कालीन जिपं सीईओ सहित अन्य अधिकारी भी शामिल थे।

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इन्हें भेजा गया जेल..

लोकायुक्त की विशेष अदालत द्वारा तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ जगमोहन धुर्वे, तत्कालीन परियोजना अधिकारी (तकनीकी) रोजगार गारंटी योजना नाथूलाल तंवर, तत्कालीन जिला समन्वयक (अभी इंदौर नगर निगम के स्वच्छता अभियान में कंसलटेंट) अमित दुबे, तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत सदाशिव डावर, तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिला पंचायत आशीष कदम, भोपाल की राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को दोषी मानते हुए सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया गया है।

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Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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