मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला: तात्कालीन कलेक्टर और सीईओ को सजा
- कोर्ट रूम में ही दोनों अधिकारियों को किया पुलिस के हवाले, 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए छतरपुर के तात्कालीन कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को न्यायालय की अवमानना के चलते सात-सात दिन की कैद और 50-50 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय रूम में ही दोनों आईएएस अधिकारियों को पुलिस के सुपूर्द कर दिया गया।
यह भी पढ़े- उज्जैन के कद्दावर कलेक्टर ने थामा भाजपा का दामन… बनेंगे विधायक!
याचिकाकर्ता के वकील डी.के. त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2021 में छतरपुर में जिला समन्वयक के पद पर पदस्थ रचना द्विवेदी का नियमों के विरूद्ध छतरपुर से बड़ा मलहार स्थानांतरण कर दिया गया था। जिसकों लेकर रचना द्विवेदी द्वारा न्यायालय की शरण ली गई जहां से न्यायालय द्वारा उसे स्थगन आदेश दिया गया। लेकिन उसके बावजूद तात्कालीन छतरपुर कलेक्टर शिलेंद्रसिंह और तात्कालीन जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुरसिंह उस पर दबाव बनाते हुए मलहार भेजने का प्रयास करते रहे। इस बीच रचना द्विवेदी ने तात्कालीन कलेक्टर और सीईओ को कई बार बताया कि उसे न्यायालय से स्थगन मिल चुका है, लेकिन उसके बावजूद कलेक्टर ने रचना द्विवेदी की नियम विरूद्ध सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया था। जिस पर न्यायालय द्वारा फिर से स्टे दिया गया था।
यह भी पढ़े- तिरंगा यात्रा में लगाये जयश्री राम के नारे.. छात्रों को बेहरहमी से पीटा
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश की अव्हेलना…
याचिकाकर्ता के वकील डी.के. त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि सेवा बर्खास्ती पर स्टे मिलने के बाद याचिकाकर्ता रचना द्विवेदी लगातार जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह और कलेक्टर शिलेन्द्र सिंह के कार्यालय के चक्कर लगाते हुए कई बार आवेदन देकर जानकारी दी गई कि हाईकोर्ट से स्टे है और उसे ज्वाइन करवाया जाए। लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए उसे ज्वाइन नहीं करवाया। इतना ही नहीं हाईकोर्ट से लीगल नोटिस भी तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया इसके बावजूद भी रचना द्विवेदी को राहत नहीं दी गई।
रचना को अब तक की सैलरी भी मिलना चाहिए
याचिकाकर्ता के वकील डी.के. त्रिपाठी ने बताया कि इसके पहले 2 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट में रचना द्विवेदी केस की सुनवाई हुई थी, जिसमें न्यायालय ने पाया कि दोनों ही अधिकारी लगातार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। वहीं कोर्ट ने सजा के प्रश्न पर भी सुनवाई की और कहा कि याचिकाकर्ता रचना द्विवेदी की जितनी भी सैलरी बन रही है उसे मिलनी चाहिए, क्योंकि वह सेवा देने को तैयार थी लेकिन सरकार उसकी सेवा नहीं ले रही थी और इसके बीच दोनों अधिकारी थे। कोर्ट ने दोनों ही पक्षों से आपस में बात करने को भी कहा लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला था।
यह भी पढ़े- भाजपा ने विधानसभा प्रत्याशी किये घोषित, उज्जैन जिले से इन्हें बनाया प्रत्याशी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला
शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस जी.एस अहलूवालिया की कोर्ट में इस मामले की पुन. सुनवाई हुई जिसमें तात्कालीन कलेक्टर शिलेन्द्र सिंह और तात्कालीन जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह भी उपस्थित हुए। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ को 7 दिन की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों पर 50-50 हजार रुपए जुमार्ना भी लगाया।
यह भी पढ़े- विधानसभा चुनाव प्रत्याशी चयन में भाजपा ने मारी बाजी, कांग्रेस पिछड़ी
पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…
ओर भी है खबरे
उज्जैन को मिली सौगात: यूनिटी मॉल की 284 करोड की डीपीआर भारत सरकार ने की स्वीकृत