जानिये कौन से ग्रह बनाते हैं अहंकारी/ आज का पंचांग
पूरी जानकारी मिलेंगी आपकों प.श्याम गुरु आचार्य इस लेख में

अहंकार मन से जुड़ी हुई भावना है. मन से आगे बढ़कर ये व्यवहार तक पहुंच जाता है। हर ग्रह अलग तरह का अहंकार पैदा करता है। अहंकारी बनाने में सबसे बड़ी भूमिका बृहस्पति और चन्द्रमा की होती है। बृहस्पति व्यक्ति को परम अहंकारी बनाता है। दूसरे ग्रहों के साथ मिलकर बृहस्पति अलग तरह का अहंकार पैदा करता है। अलग-अलग अहंकार से अलग समस्या भी पैदा होती है। जानिये कौन से ग्रह बनाते है, ग्रह का अहंकार से क्या है वास्ता पूरी जानकारी मिलेंगी आपकों प.श्याम गुरु आचार्य इस लेख में इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
यह भी पढ़े- माता और भैरव मंदिरों में चढ़ेगी मदिरा की धार, माता महामाया व महालाया को लगेगा भोग
सूर्य और अहंकार का क्या संबंध है
पुश्तैनी जायजाद, दौलत और शोहरत अक्सर इंसान के दिमाग पर हावी हो जाते हैं. अहंकार उसी का नतीजा है. ज्योतिष शास्त्र मे सूर्य अगर मजबूत हो तो वह भी बना सकता है आपको अहंकारी।
- सूर्य वैभवशाली परंपरा और खानदान का अहंकार पैदा करता है।
- कुंडली में सूर्य के ज्यादा मजबूत होने से ये अहंकार पैदा होता है।
- आमतौर पर मेष, सिंह और धनु राशि वालों को ये अहंकार ज्यादा होता है।
- सूर्य से मिला अहंकार संतान से जुड़ी समस्या देता है।
चन्द्रमा और अहंकार का क्या है रिश्ता
हर इंसान के पास कोई न कोई गुण जरूर होता है, लेकिन किसी झ्रकिसी के पास कोई खास हुनर होता है जिसकी वजह से समाज में उन्हें विशेष मान-सम्मान मिलता है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र सम्मत ऐसे इंसान का चंद्रमा मजबूत हो तो वो अहंकारी बन सकता है।
- चन्द्रमा गुणों का अहंकार पैदा करता है।
- इसके अलावा चंद्रमा विशेष श्रेणी का अहंकार भी पैदा करता है।
- कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को ये अहंकार ज्यादा होता है।
- ये अहंकार अक्सर किस्मत को बिल्कुल उल्टा कर देता है।
मंगल और अहंकार का क्या है रिश्ता
जो अपने अहंकार पर जीत हासिल कर लेते हैं उन्हें ही मिलती है जिंदगी के हर पहलू में जीत. लेकिन जिनकी कुंडली में मंगल मजबूत होता है, उनमें ताकत को लेकर अहंकार बढ़ने लगता है और यह उनकी तरक्की में सबसे बड़ी रुकावट बन सकता है।
- मंगल शक्ति का अहंकार पैदा करता है।
- इस तरह के अहंकार में इंसान अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने लगता है।
- वृष, सिंह, वृश्चिक और कुम्भ राशि में ये अहंकार ज्यादा होता है।
- ये अहंकार रिश्तों से जुड़ी समस्याएं देता है।
बुध और अहंकार का क्या है संबंध
अगर आपमें कुछ विशेष योग्यता है या आपकी बुद्धि तेज है तो सावधान हो जाएं क्योंकि आपके ये गुण आपको अहंकारी बना सकते हैं. आपकी कुंडली का बुध आपको अहंकार की ओर ले जा सकता है।
- बुध योग्यता और बुद्धि का अहंकार देता है।
- ऐसे लोग अपनी बुद्धि के सामने किसी को कुछ नहीं समझते।
- मिथुन, कन्या और मकर राशि में यह अहंकार ज्यादा होता है।
- ये अहंकार धन के बड़े नुकसान का कारण बनता है।
बृहस्पति और अहंकार का क्या है संबंध
जिनके पास पारिवारिक संपन्नता, ऊंची हैसियत और अपार ज्ञान हो, उन्हें अहंकार से सावधान रहना चाहिए. अहंकार के कारण ये सब कुछ नष्ट हो सकता है।
- बृहस्पति ज्ञान और पारिवारिक हैसियत का अहंकार देता है।
- इस अहंकार की वजह से लोग अपनी वाणी पर नियंत्रण खो देते हैं।
- ऐसे लोग अक्सर दूसरों को अपने ज्ञान से परेशान करते हैं।
- वृष, कन्या, धनु, मकर और मीन राशि में यह अहंकार ज्यादा होता है।
- ये अहंकार अक्सर अपयश का कारण बनता है।
शुक्र और अहंकार का क्या है रिश्ता
खूबसूरती सबको आकर्षित करती है। उस पर शान-ओ-शौकत की जिंदगी मिल जाए तो जिंदगी और भी रंगीन नजर आने लगती है लेकिन इन्हीं रंगीनियों के बीच कब इंसान अहंकार के काले साये में समा जाता है उसे खुद भी पता नहीं चलता। शुक्र मजबूत हो तो कैसे बढ़ता है अहंकार जानें।
- शुक्र रूप-सौंदर्य और शान-ओ-शौकत का अहंकार देता है।
- इस अहंकार के कारण लोग अक्सर मूर्ख बनते हैं और पैसे बर्बाद करते हैं।
- मिथुन, तुला और कुम्भ राशि में यह अहंकार ज्यादा होता है।
- इस अहंकार की वजह से अचानक पैसों का बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है।
शनि और अहंकार का क्या है रिश्ता
काम हर इंसान करता है लेकिन कुछ लोगों को अपने काम करने की क्षमता और हुनर पर गुमान होने लगता है. ये होता है कुंडली के शनि के मजबूत होने के कारण. आइए जानते हैं, शनि कैसे बना सकता है आपको अहंकारी।
- शनि काम करने की योग्यता का अहंकार देता है।
- ये लोग किसी और के काम को अपने काम और मेहनत के सामने कुछ नहीं समझते।
- वृष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को ये अहंकार ज्यादा होता है।
- ये अहंकार करियर में उतार-चढ़ाव की वजह बनता है।
यह भी पढ़े- 300 साल पुराना मंदिर जहां सरस्वती मां का स्याही से होता है अभिषेक
आज का पंचांग
- दिनांक- 02 अक्टूबर 2024
- दिन- बुधवार
- विक्रम संवत- 2081
- अयन- दक्षिणायन
- ऋतु- शरद
- मास- आश्विन
- पक्ष- कृष्ण
- तिथि- अमावस्या रात्रि 12:18 अक्टूबर 03 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
- नक्षत्र- उत्तराफाल्गुनी दोपहर 12:33 तक तत्पश्चात हस्त
- योग- ब्रह्म रात्रि 03:22 अक्टूबर 03 तक तत्पश्चात इंद्र
- राहु काल- दोपहर 12:29 से दोपहर 01:58 तक
- सूर्योदय- 05:55
- सूर्यास्त- 06:05
- दिशा शूल- उत्तर दिशा में
- ब्राह्ममुहूर्त- प्रात: 04:55 से 05:43 तक
- अभिजीत मुहूर्त- कोई नही
- निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:05 अक्टूबर 03 से रात्रि 12:53 अक्टूबर 03 तक
- व्रत पर्व विवरण – सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, अज्ञात तिथि वालों का श्राद्ध, गांधी जयंती व शास्त्री जी जयंती, सर्वार्थ सिद्धि योग (दोपहर 12:23 से प्रात: 06:32 अक्टूबर 03 तक)
- रुसर्वपित्र अमावस्या- 2 अक्टूबर 2024
जय श्री महाकाल, जन्म कुंडली का संपूर्ण विश्लेषण करवाने के लिए आप मुझे मेरे नंबर 9770333381 पर कॉल करें। मैं कोशिश करूँगा आपके सवालो के जवाब देने का और उस विषय पर अलग से लेख लिखने का ।
प.श्यामगुरु (तंत्र साधक) तीर्थपुरोहित
ज्योतिषाचार्य व वास्तुविद
श्री सिद्ध नारायण धाम ज्योतिष कार्यालय उज्जैन
पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…