सरकारी कर्मचारी-पेंशनर्स को एमपी सरकार देंगी सौगात
- आयुष्मान जैसी सुविधा गंभीर बीमारी पर मिलेंगा 10 लाख तक का कैशलेस इलाज
भोपाल। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकार की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार भी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इलाज के लिए आयुष्मान योजना जैसी स्कीम ला रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसमें 5 लाख रुपए तक सामान्य और 10 लाख रुपए तक गंभीर बीमारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
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मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार प्रदेशभर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स हितों का पूरा ध्यान रख रही है। उसी का नतीजा है कि अब सरकार ने इनके लिए एक बड़ी सौगात योजना के रूप में कर्मचारियों और पेंशनर्स को देने जा रही है। सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को आयुष्मान योजना जैसी सुविधा का लाभ दिया जायेंगा इसके लिए कर्मचारियों से अंशदान लिया जाएगा। राशि उनके वेतन से काटी जाएगी। अंशदान की राशि 250 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक हो सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने ये प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।
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क्या है मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना
प्रस्तावित योजना के अंतर्गत योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना होगा। इसका लाभ प्रदेश के निगम-मंडल समेत राज्य सरकार के 15 लाख कर्मचारी, पेंशनर्स के परिवारों को मिलेगा। इस योजना में कर्मचारियों के वेतन से सालाना 3 हजार से लेकर 12 हजार रुपए अंशदान काटा जाएगा और शेष राशि सरकार जमा कराएगी। खास बात यह है कि कर्मचारियों और उनके परिवार को इलाज की कैशलेस सुविधा होगी। योजना में कर्मचारियों के लिए सामान्य बीमारी में 5 लाख रुपए और गंभीर बीमारी में 10 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा देने का प्रावधान किया जा रहा है। जांच और इलाज के बाद शासकीय कर्मी अपने विभाग से रिफंड भी ले सकेगा।
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अभी क्या फायदा मिल रहा
मध्यप्रदेश सरकार ने अगस्त 2022 में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियमों में संशोधन किया था। जिसके मुताबिक, राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में तय रेट के हिसाब से बीमारी के इलाज पर खर्च किया जाता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सरकार 4 लाख रुपए देती है। यह राशि भी पहले कर्मचारी को खर्च करना पड़ती है, बाद में जब वह बिल लगाता है तो भुगतान किया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए करीब 20 लाख रुपए तक का खर्च आता है। यह सुविधा पेंशनर्स को भी मिलती है।
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