महाकाल विस्तारीकरण के लिए किया चौड़ीकरण

– 11 मकानों सहित कई दुकाने अधिग्रहित की गई, तोड़ने की कार्यवाही शुरू
उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर के विस्तारीकरण को लेकर शासन द्वारा मंदिर के आसपास के मकानों, दुकानों के अधिग्रहण की कार्यवाही तेज कर दी गई है। गुरूवार को मंदिर के सामने स्थित मकानों और चारधाम मंदिर से त्रिवेणी संग्राहलय तक चौड़ीकरण की शुरूआत कर दी गई है। हालांकि इसका कुछ दुकानदारों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है। लेकिन पुलिस फोर्स की मौजूदगी में कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
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स्मार्ट रोड़ बनेंगा इसलिए चौड़ीकरण
त्रिवेणी संग्रहालय के सामने से चारधाम पानी की टंकी तक पूर्व से बने रोड़ को चौड़ा कर इसे स्मार्ट रोड़ बनाया जायेगा, जहां बिजली, पानी, गैस पाइप लाइन आदि सभी अंडरग्राउण्ड रहेंगे। इस रोड़ के किनारे 11 कच्चे-पक्के मकान और दुकानों है, जिन्हें प्रशासन द्वारा नगर निगम की मदद से हटाने की कार्यवाही की गई। पूर्व में ही रहवासियों और दुकानदारों को नोटिस जारी किये जा चुके थे।
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महाकाल मंदिर के सामने 11 मकान
दूसरी ओर महाकाल मंदिर के ठीक सामने स्थित 11 मकान, दुकानों को तोडे की कार्रवाई भी प्रशासन द्वारा गुरूवार सुबह शुरू कर दी गई थी, यहां एडीएम, एसडीएम, एएसपी द्वारा मकान मालिकों और दुकानों के किरायेदारों को दुकान, मकान खाली करने की हिदायत दी गई। जिसके चलते लोगों ने रात से ही सामान समेटना शुरू कर दिया।
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दुकानदारों ने लगाये पम्पलेट्स
प्रशासन द्वारा महाकाल मंदिर के सामने स्थित 11 मकानों का अधिग्रहण किया जा रहा है उनमें अधिकांश में दुकानें और होटल संचालित होती हैं। कुछ दुकानदारों ने शटरों पर पम्पलेट्स चिपकाये हैं जिनमें लिखा है सावधान तेलंग भवन महाकाल मंदिर के सामने स्थित तल मंजिल की दुकान में विगत 50 वर्षों से किरायेदार के रूप में काबिज हूं। बिना कोई वैधानिक प्रक्रिया अपनाए इस दुकान में कोई तोडफोड़ करने पर संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। दुकान में मेरा लाखों का सामान पड़ा है। यह दुकान ही मेरे जीवन यापन का एकमात्र साधन है।
हम कहां जाएंगे, कोई नहीं बताता
महाकाल मंदिर के सामने मकानों के अधिग्रहण में जिन लोगों की दुकानें टूट रही हैं उनकी संख्या करीब 29 है। उक्त लोगों का कहना है कि हमारा रोजगार व रोजी रोटी का साधन छिनने पर प्रशासन के सभी अधिकारियों से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की लेकिन किसी अधिकारी ने कोई मदद नहीं की। अधिग्रहित किये जा रहे मकानों की सीमा में विट्ठल पंडरीनाथ व बटुक भैरव मंदिर भी हैं। पं. विपिन शर्मा ने बताया कि यह मंदिर पौराणिक महत्व के हैं। प्रशासन चाहे तो इन्हें न तोड़कर संरक्षित कर सकता है।
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