उज्जैन में जल संकट गहराया: 15 अप्रैल से एक दिन छोड़कर जल आपूर्ति
गंभीर डैम में 70 दिन का पानी शेष, महापौर मुकेश टटवाल ने किया गंभीर डैम का दौरा

उज्जैन: मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक शहर उज्जैन में भीषण गर्मी की शुरूआत के साथ ही जल संकट ने गंभीर रूप ले लिया है। शहर की प्यास बुझाने वाला प्रमुख जल स्रोत गंभीर डैम अब केवल 70 दिनों तक की जल आपूर्ति के लिए पर्याप्त पानी बचा हुआ है। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने गंभीर डैम का दौरा कर जल प्रदाय व्यवस्था की समीक्षा की और घोषणा की कि 15 अप्रैल से शहर में एक दिन छोड़कर जल आपूर्ति की जाएगी।
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गंभीर डैम का निरीक्षण और फैसला
महापौर मुकेश टटवाल ने जल कार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा, अपर आयुक्त संदीप शिवा और कार्यपालन यंत्री केदार खत्री के साथ गंभीर डैम का निरीक्षण किया। इस दौरान डैम में पानी की उपलब्धता और शहर की जरूरतों का आकलन किया गया। निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया गया कि जल संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था लागू की जाएगी। 15 अप्रैल से शहर को दो हिस्सों में बांटकर जल आपूर्ति की जाएगी। पहले दिन यानी 15 अप्रैल को दक्षिण क्षेत्र में और अगले दिन 16 अप्रैल को उत्तर क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराया जाएगा। यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। महापौर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जल आपूर्ति पूर्ण क्षमता के साथ की जाए, ताकि शहरवासियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। इसके साथ ही, उन्होंने पानी के अपव्यय को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात भी कही।
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गंभीर डैम की स्थिति
महापौर ने बताया कि 2250 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फीट) क्षमता वाले गंभीर डैम में वर्तमान में केवल 790 एमसीएफटी पानी शेष बचा है। यह मात्रा शहर की दैनिक जरूरतों को देखते हुए अगले 70 दिनों तक ही पर्याप्त है। गर्मी के बढ़ते प्रकोप और बारिश की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। महापौर ने कहा, हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि शहरवासियों को पीने का पानी उपलब्ध रहे। इसके लिए दो शिफ्टों में जल प्रदाय की व्यवस्था की जा रही है।
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शहरवासियों से सहयोग की अपील
जल संकट को देखते हुए प्रशासन ने नागरिकों से भी पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की है। महापौर ने कहा कि पानी की बबार्दी रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने शहरवासियों से अनुरोध किया कि वे नहाने, कपड़े धोने और अन्य कार्यों में पानी का कम से कम इस्तेमाल करें, ताकि इस संकटपूर्ण स्थिति में सभी को पानी मिल सके।
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विशेषज्ञों की चिंता
जल संरक्षण विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर डैम में पानी का स्तर लगातार घट रहा है और यदि जल्द ही बारिश नहीं हुई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। उनका सुझाव है कि प्रशासन को वैकल्पिक जल स्रोतों की तलाश करनी चाहिए और भूजल संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि गंभीर डैम की क्षमता को बढ़ाने और इसके रखरखाव पर दीर्घकालिक योजना बनाना आवश्यक है।
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आगे की रणनीति
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जल आपूर्ति के नियमों को और सख्त किया जा सकता है। इसके अलावा, अन्य जल स्रोतों से पानी लाने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल, शहरवासियों को इस नई व्यवस्था के साथ तालमेल बिठाने की तैयारी करनी होगी। उज्जैन में गहराते जल संकट ने एक बार फिर जल संरक्षण और प्रबंधन की जरूरत को रेखांकित किया है। प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से ही इस चुनौती से पार पाया जा सकता है।
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