
उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार को अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा यादव के साथ निज निवास पर करवा चौथ का पर्व मनाया। श्रीमती यादव ने चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा की और पति डॉ यादव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पत्नी श्रीमती सीमा यादव को जल ग्रहण करवाकर व्रत खुलवाया। इसके पूर्व पति-पत्नी ने विधि-विधान से निवास पर करवा माता पूजा की। करवा माता की कथा का वाचन हुआ। करवा चौथ का व्रत पति की लम्बी और कष्ट रहित पूर्ण आयु की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
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उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उनकी पत्नी ने करवा चौथ के अवसर पर पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/Vu8NGPBP33
— DB News24 (@dbnews24) October 21, 2024
गजकेसरी योग में मना करवा चौथ का पर्व
रविवार को महिलाओं ने करवा चौथ व्रत रख पूजन किया। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर करवा चौथ के व्रत की मान्यता है। 20 अक्टूबर को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि के गुरु के साथ चंद्र के उदय काल में युति बनाई। चंद्र गुरु की युति गजकेसरी योग का निर्माण करती है। वृषभ राशि का स्वामी शुक्र होता है और शुक्र विवाह के सुख का कारक ग्रह होता है। मान्यता है कि दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस नक्षत्र को विशेष बल प्राप्त है।
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पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि चंद्रमा का उदय काल रविवार को रात्रि में करीब 8:35 बजे था। उस समय चंद्रमा बृहस्पति के अत्यंत करीब रहें। यह प्रभाव गज केसरी योग पर रहेगा और यह पांचवी दृष्टि से कन्या राशि, सातवीं दृष्टि से वृश्चिक राशि और नवी दृष्टि से मकर राशि को देखेंगे। इन राशियों के जातकों के लिए भी यह समय अनुकूल रहा। इसलिए करवा चौथ पर यह स्थिति विशेष शुभ मंगलकारी रही। उदय के बाद चंद्रमा अपनी वृषभ राशि में उच्च होकर के गुरु के साथ युती में रहेंगे, तब एक विशेष प्रकार की आकाशीय ऊर्जा और आभा देखने को मिली।
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