एमपी ई-नगरपालिका पोर्टल हैकर्स के निशाने पर…
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकृत ई-नगरपालिका पोर्टल पर रैन्समवेयर अटैक
भोपाल। मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकृत ई-नगरपालिका पोर्टल (mp e-nagar palika portal) हैकर्स के निशाने पर आ गया था। जिसके जरिये हैकर्स के सरकार को 1200 करोड़ रुपए तक का चूना लगा सकते थे। इस पोर्टल से प्रदेश के 15 नगर निगम (भोपाल शामिल नहीं) समेत 412 नगरीय निकाय जुड़े हुए हैं।
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नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकृत ई-नगरपालिका पोर्टल आम लोगों को 21 तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती है, जिसमें संपत्ति और जल कर की सेवाओं के साथ नक्शा स्वीकृत करने और पेमेंट करने की भी सुविधा मिलती है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग हर साल आॅनलाइन पेमेंट के जरिए 1200 करोड़ रुपए राजस्व इकट्ठा किया जाता है।
मंसूबों में कामयाब नही हुए हैकर्स
सूत्रों की माने तो हैकर्स ने इसी उम्मीद में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकृत ई-नगरपालिका पोर्टल पर सायबर अटैक किया, लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल पर आॅनलाइन पेमेंट करने वाले लोगों की ट्रांजैक्शन की जानकारी दर्ज नहीं होती, इसलिए हैकर्स के हाथ कुछ नहीं लगा और ना ही लगता।
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21 दिसंबर को था सायबर अटैक
उल्लेखनीय है कि गत 21 दिसंबर को नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग की अधिकृत वेबसाइट ई- नगरपालिका पोर्टल पर सायबर अटैक हुआ था। 215 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस पोर्टल पर अटैक हुए एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक ये पता नही चल पाया है कि यह सायबर अटैक किसने और कहां से किया था।
ऐसे पता चला साइट हैक हुई?
21 दिसंबर 2023 को सुबह 9.30 बजे भोपाल के स्टेट डेटा सेंटर में नगरीय प्रशासन विभाग का रखा सर्वर अचानक ब्लिंक करने लगा (संकेत देने लगा) कि कहीं कुछ गड़बड़ है। तत्काल ही ये मैसेज नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को भेजा गया। इसके बाद फैसला हुआ कि सर्वर को बंद कर दिया जाए। कुछ देर बाद जब पूरे मामले की जांच हुई तो पता चला कि एमपी ई नगर पालिका पोर्टल पर ये सायबर हमला था। प्रारंभिक जांच में ये भी खुलासा हुआ कि हैकर्स ने 413 शहरों का डेटा खराब किया है, लेकिन ऑफलाइन डेटा, जिसका बैकअप हर तीन दिन में टेप पर लिया जाता है, सुरक्षित है। अधिकारियों ने ये भी दावा किया कि आईटी एक्सपर्ट्स को इस सायबर अटैक की वजह से डेटा लीक होने के कोई सबूत नहीं मिले है।
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पहले भी हुआ सायबर अटैक
उल्लेखनीय है कि सरकारी वेबसाइट हैक होने का प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले मई में हैकर्स ने मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के सर्वर पर साइबर अटैक किया था। हैकर्स ने इस दौरान बिटकाइन में कंपनी से फिरौती की मांग भी की थी।
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