अवैध निर्माण पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
- हरिफाटक आवासीय योजना के भूखंड 49 और 55 पर बुलडोजर चला

उज्जैन। उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर पालिका निगम के सहयोग से हरिफाटक आवासीय योजना के अंतर्गत भूखंड क्रमांक 49 और 55 पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई शुक्रवार, 23 मई 2025 को की गई, जिसमें जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से अवैध निर्माण को हटाया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
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कार्रवाई का आधार
उज्जैन विकास प्राधिकरण ने बताया कि भूखंड क्रमांक 49 और 55 को लगभग 40-45 वर्ष पूर्व आवासीय उपयोग के लिए लीज पर आवंटित किया गया था। वर्तमान में भूखंड क्रमांक 55 पर श्री जुल्फीकार और श्री जावेद, जबकि भूखंड क्रमांक 49 पर श्री कनीज खान काबिज थे। इन भूखंडों पर लीज की शर्तों का गंभीर उल्लंघन पाया गया, जिसमें आवासीय भूखंड का व्यावसायिक उपयोग, बिना अनुमति भूखंड का विक्रय, और भूखंड का विभाजन शामिल था। इन उल्लंघनों के कारण वऊअ के संचालक मंडल ने वर्ष 2023 में इन भूखंडों की लीज निरस्त कर दी थी।
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लीज निरस्ती के बाद, उज्जैन विकास प्राधिकरण ने मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 248 के तहत इन भूखंडों से अवैध कब्जा हटाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश की वैधानिकता को माननीय न्यायालय ने भी सही ठहराया, जिसमें कोई त्रुटि नहीं पाई गई। इसके आधार पर प्रशासन ने यह कार्रवाई की।
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कार्रवाई का विवरण
23 मई 2025 को सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में उज्जैन विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, और नगर पालिका निगम की संयुक्त टीम ने हिस्सा लिया। भूखंड क्रमांक 49 और 55 पर अवैध कब्जा हटाने और निर्माण ध्वस्त करने के लिए 4 पोकलेन मशीनें, 4 जेसीबी, 10 टैंपर, और 300 कर्मचारियों की रिमूवल गैंग तैनात की गई। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 250 पुलिसकर्मियों का बल भी मौके पर मौजूद रहा। कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने कुछ विरोध करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ बातचीत कर स्थिति को नियंत्रित किया। अवैध निर्माण को पूरी तरह हटाने के बाद भूखंडों पर पुन: कब्जा प्राप्त कर लिया गया।
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प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्रवाई में उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) संदीप सौनी, कार्यपालक मजिस्ट्रेट के रूप में एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग, तहसीलदार सुश्री कृतिका भीमावत, श्रीमती रूपाली जैन, प्रकाश परिहार, जीवनलाल मोघी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडीशनल एसपी) नितेश भार्गव, और सीएसपी रितेश देशमुख सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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प्रशासन का बयान
उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सौनी ने बताया कि यह कार्रवाई नियमों के अनुसार और पूरी पारदर्शिता के साथ की गई। उन्होंने कहा, “हरिफाटक आवासीय योजना के तहत आवंटित भूखंडों पर लीज शर्तों का उल्लंघन अस्वीकार्य है। जिन 28 अन्य संपत्तियों की लीज निरस्त की गई है, उन पर भी कोर्ट के मामलों के निपटारे के बाद कार्रवाई की जाएगी।” एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग ने कहा कि प्रशासन ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया और स्थानीय लोगों के विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से नियंत्रित किया गया। एडीशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था, जिससे कार्रवाई सुचारू रूप से पूरी हुई।
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स्थानीय प्रतिक्रिया
बेगमबाग क्षेत्र, जहां यह कार्रवाई हुई, मुस्लिम बहुल इलाका है। स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया। कुछ निवासियों ने दावा किया कि उन्हें पहले से पर्याप्त सूचना नहीं दी गई, जबकि प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सभी कब्जेदारों को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे।
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भविष्य की योजनाएँ
उज्जैन विकास प्राधिकरण ने बताया कि हरिफाटक आवासीय योजना के तहत ऐसी 28 अन्य संपत्तियाँ हैं, जिनकी लीज निरस्त की जा चुकी है। इनमें से कई मामले कोर्ट में लंबित हैं, और जैसे ही कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण का उद्देश्य नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना और शहर में अवैध निर्माण को रोकना है। यह कार्रवाई उज्जैन में अवैध निर्माण और लीज उल्लंघन के खिलाफ प्रशासन की सख्ती को दशार्ती है। उज्जैन विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से यह कार्रवाई न केवल सफल रही, बल्कि यह भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने का एक मजबूत संदेश भी देती है।
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