सिविल सर्जन के साथ मारपीट, कलेक्टर तक पहुंचा मामला
- जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों पर हमला करवाने का आरोप
रतलाम। रतलाम जिला अस्पताल में शुक्रवार रात सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर पर हमला हो गया, इससे उसके पैर व चेहरे पर चोट आई है। आरोप है कि जिला अस्पताल में ही पदस्थ दो डॉक्टरों ने ही उनसे मारपीट करवाई है। घटना के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टर एकत्र होकर कलेक्टर राजेश बाथम के पास पहुंचे और मामले में कार्यवाही की मांग की।
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जानकारी के अनुसार सिविल सर्जन ने जिला अस्पताल के डॉक्टर जीवन चौहान व डॉ. रवि दिवेकर द्वारा हमला कराने का आरोप लगाया है। मामले को लेकर डॉ. रवि दिवेकर ने कहा कि मैं 15 नवंबर से लीव पर हूं। सिविल सर्जन किसी षड़यंत्र के तहत झूठे आरोप लगाए हैं, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वहीं डॉ. जीवन चौहान ने कहा कि सिविल सर्जन जो आरोप लगा रहे हैं वे निराधार हैं। इस घटनाक्रम के बाद सभी डॉक्टर हॉस्पिटल में पुलिस चौकी पर एकत्र हुए। वहां से कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर राजेश बाथम से मिले। कलेक्ट्रेट में ही एएसपी राकेश खाखा, स्टेशन रोड थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा को बुलाया। बाद में सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने जिला अस्पताल पुलिस चौकी पहुंच शिकायत की।
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हमला करने वाला डॉक्टर का ड्राइवर
सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने बताया कि रात में हॉस्पिटल से घर जाने के लिए निकल रहा था। आॅफिस से जैसे ही निकला दो लोग घात लगाकर बैठे थे। उन्होंने पीछे से वार किया। मार कर भागने लगे तो मैं चिल्लाया। लोगों ने पकड़ लिया। दो तीन लोग पकड़ में आ गए। हमला करने वाला डॉ. जीवन चौहान का ड्राइवर है। डॉ. जीवन चौहान व डॉ. रवि दिवेकर ने एक स्मगलर को जमानत दिलाने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। मुझे शासन स्तर से नोटिस मिला था। उस नोटिस के बदले मैने जांच कराई तो दोनों दोषी पाए गए थे। उसी ईर्ष्या से उन दोनों डॉक्टरों ने मेरे पर हमला कराया है। कलेक्टर से मिल पूरी बात बताई है।
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रिश्वत लेने का आरोप लगाया
जिसे पुलिस पकड़ कर ले गई वह शहर के समता परिसर का रहने वाला जीतू चौधरी है। उसने ने बताया कि 15 दिन पहले मम्मी गीता बाई चौधरी का आंखों का आपरेशन जिला अस्पताल में हुआ था। आंखों में दिक्कत होने पर मम्मी को दूसरी बार चैकअप कराने के लिए सिविल सर्जन डॉ. डॉ.एमएस सागर के पास भेजा था। उन्होंने 5 हजार रुपए मांगे। लेकिन मैंने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल है तो रुपए किस बात के। तब उन्होंने डॉ. एसएस गुप्ता के पास भेजा। शुक्रवार रात में हॉस्पिटल के मुख्य गेट पर बैठा था। पैर में तकलीफ होने के कारण पैर लंबे कर रखे थे। उसी समय मेरा पैर किसी डॉक्टर से टच हो गया। तब वहां मौजूद स्टाफ ने आकर मेरे साथ मारपीट की। बाद में पुलिस पहुंची और मुझे लेकर आई। मैंने किसी को नहीं मारा।
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डॉ. जीवन चौहान के हॉस्पिटल पर ताला
इधर पूरे घटनाक्रम के बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने डॉ. जीवांश चौहान के हॉस्पिटल की जांच के आदेश कर दिए। एसडीएम अनिल भाना, डॉ. बीएल तापड़िया, डॉ. कृपालसिंह राठौर, डॉ. एपी सिंह, जिला अस्पताल के मीडिया प्रभारी आशीष चौरसिया 80 फीट रोड स्थित डॉ. जीवांश हॉस्पिटल पर जांच के लिए भेज दिया। टीम जरूरी दस्तावेज व अन्य जानकारी जुटाई। दस्तावेज अपने साथ लेकर गए। टीम का कहना था कि कलेक्टर के निर्देश पर आए हैं। हॉस्पिटल में लगातार शिकायतें मिल रही थी। वहां भर्ती 3 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया। टीम ने हॉस्पिटल से जुड़े सारे दस्तावेज जब्त कर रात 10.15 बजे ताला लगा दिया।
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