इंदौर और उज्जैन के बीच बनेंगा औद्योगिक कॉरिडोर
- सीएम ने उद्योगपतियों को दिया इन्वेस्टर्स समिट का न्योता

इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में मंगलवार को उद्योगपतियों और निवेशकों से संवाद करते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की है। राज्य सरकार इंदौर और उज्जैन के बीच एक नया औद्योगिक कॉरिडोर बनाने जा रही है, जिसमें पीथमपुर, देवास, उज्जैन, मक्सी और नागदा जैसे प्रमुख उद्योगकेंद्रों को शामिल किया जाएगा। यह परियोजना मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से इस परियोजना में निवेश की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में उद्योगों की संख्या में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को भी विशेष प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए न्योता दिया। उन्होंने समिट को केवल एक औपचारिकता से बाहर वास्तविक निवेश और व्यापारिक गतिविधियों की बढ़ोतरी का अवसर बनाने की बात की। उनका कहना था कि यह समिट केवल शो के तौर पर नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में निवेश के वास्तविक परिणामों को उत्पन्न करने का एक मंच बनेगी।
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छोटे निवेशकों को मिलेंगी रियायतें
डॉ. यादव ने कहा कि हम केवल बड़े उद्योगों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि छोटे और मध्यम उद्योगों को भी प्रोत्साहन देने की योजना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि सरकार छोटे निवेशकों को भी विशेष रियायतें देगी। यदि कोई छोटा निवेशक राज्य के पिछड़े इलाकों जैसे सेंधवा या अलीराजपुर में उद्योग लगाने का इच्छुक है, तो उसे भी सरकार द्वारा विशेष लाभ मिलेगा। इसके अंतर्गत, सरकार ने 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है, जबकि 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर छोटे निवेशकों को भी विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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एयर कनेक्टिविटी और सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने एयर एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की है। इसके माध्यम से गंभीर मरीजों को उन्नत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने नई एयरलाइंस को मध्य प्रदेश से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए 7.5 लाख रुपये प्रति फ्लाइट की सब्सिडी देने का फैसला किया है। यह कदम राज्य में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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परमिशन के लिए अब जूते नहीं घिसने पड़ेंगे
इस मौके पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह सपना है कि उद्योगपति बिना किसी जटिलता के व्यापार स्थापित करें, और हम गारंटी देते हैं कि जो भी उद्योगपति आएगा, वह सरलता से उद्योग लगाएगा। अब परमिशन के लिए जूते नहीं घिसने पड़ेंगे। विजयवर्गीय ने कहा कि पिछली बार की तुलना में इस बार इवेंट नहीं, बल्कि निवेश वास्तविक रूप से आएगा और यह समिट राज्य के 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।
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निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर बताया कि अब तक 31,000 लोगों ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए पंजीकरण कराया है, जिनमें से 18,000 ने अपनी उपस्थिति कंफर्म की है। उन्होंने बताया कि पहले पंजीकरण करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो इस बात का संकेत है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रति जबरदस्त आकर्षण है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह कदम मध्य प्रदेश को औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टि से एक मजबूत आधार प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। राज्य सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों से यह उम्मीद की जा रही है कि निवेशक राज्य में आकर्षित होंगे और राज्य के युवा वर्ग को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
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