महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था में बदलाव
अब हर टिकट की होगी सख्त जांच, नवागत प्रशासक प्रथम कौशिक किया बड़ा बदलाव
![श्री महाकालेश्वर मंदिर](https://dbnews24.in/wp-content/uploads/2025/02/31-2-780x470.jpg)
उज्जैन। 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकॉल से दर्शन करने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं के टिकट पर अंकित प्रोटोकॉल पॉइंट नंबर की सख्ती से जांच की जाएगी और इसे एक विशेष रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। यह बदलाव नवागत प्रशासक प्रथम कौशिक के पदभार संभालने के बाद शनिवार से लागू किया गया है। नई व्यवस्था से कर्मचारी और सुरक्षा कर्मियों ने राहत महसूस की है, क्योंकि इससे फर्जी तरीके से दर्शन करने वालों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकेगी।
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अब प्रोटोकॉल दर्शन के तहत आने वाले श्रद्धालुओं से 250 का शुल्क लिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें एक टिकट जारी किया जाएगा। इस टिकट की संपूर्ण जानकारी एक विशेष रजिस्टर में दर्ज की जाएगी, जिसमें टिकट नंबर, श्रद्धालु को दर्शन के लिए ले जाने वाले व्यक्ति का नाम, कुल दर्शनार्थियों की संख्या, किसके रेफरेंस से दर्शन के लिए आ रहे हैं, उनका नाम, इस पूरी प्रक्रिया को मंदिर प्रशासन के कर्मचारी और पुलिसकर्मी हर चेकिंग पॉइंट पर जांचेंगे, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके।
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कैसे रोका जाएगा फजीवार्ड़ा?
इससे पहले, श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए दो लोगों के टिकट पर चार श्रद्धालु भी प्रवेश कर जाते थे और इसकी कोई एंट्री नहीं होती थी। इससे प्रोटोकॉल दर्शन की पारदर्शिता प्रभावित हो रही थी और सुरक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा था। अब, नई व्यवस्था के तहत हर टिकट को स्कैन किया जाएगा, एंट्री दर्ज होगी और संख्या की पुष्टि की जाएगी।
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मजबूत होगी सुरक्षा व्यवस्था
श्री महाकालेश्वर मंदिर में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने इस नई व्यवस्था की सराहना की है। उनका कहना है कि पहले कई बार बिना रजिस्टर एंट्री के श्रद्धालु दर्शन करने चले जाते थे, जिससे कभी-कभी अव्यवस्था उत्पन्न होती थी। लेकिन अब चेकिंग प्रक्रिया से दर्शनार्थियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा और सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।
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इनका कहना है
श्री महाकालेश्वर मंदिर के नवागत प्रशासक प्रथम कौशिक ने कहा, महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब प्रत्येक दर्शनार्थी की जानकारी दर्ज की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हो सकेगी। मंदिर प्रशासन का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ दर्शन का लाभ मिले और कोई भी अवैध रूप से दर्शन का लाभ न उठा सके।
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