आखिर क्या मजबूरी: बगैर टेंडर के तीन सालों से अनुबंध पर ले रहे काम
-महाकाल मंदिर की श्री कृष्णा सिक्योरिटी अपने कर्मचारियों को भी वेतन देने में कर रही लेतलाली
उज्जैन। वैसे तो महाकाल मंदिर में सुरक्षा से लेकर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए मंदिर समिति ने दो अलग-अलग निजी कंपनियों से समझोता कर रखा हैं, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि एक कंपनी जहां टेंडर के आधार पर काम कर रही हैं, तो दूसरी श्री कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल (केएसएस) पिछले तीन सालों से महज अनुबंध के आधार पर काम कर रही हैं। उसमें भी कंपनी द्वारा महाकाल मंदिर में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन और पीएफ जैसे सुविधाओं के लिए परेशान कर रही हैं।
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आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि महाकाल मंदिर समिति द्वारा श्री कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल (केएसएस) को पिछले तीन सालों से अनुबंध के आधार पर महाकाल मंदिर में काम करने दिया जा रहा हैं। सूत्रों का दावा है कि कंपनी का टेंडर सालों पहले समाप्त हो चुका हैं। लेकिन कंपनी के कर्ताधतार्ओं द्वारा बाले-बाले सेटिंग कर अनुबंध के आधार पर महाकाल मंदिर में अपना कार्य निरतंर जारी रख रखा हैं। श्री कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल (केएसएस) के 600 से अधिक कर्मचारी मंदिर में काम करते हैं। जिसमें सुरक्षा गार्ड, सफाईकर्मी, लाइनमेन आदी शामिल हैं।
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कर्मचारियों का आरोप…
नाम ना छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा हैं। उन्हे ना तो समय पर वेतन दिया जा रहा है ना ही उनके पीएफ अकाउंट में कंपनी द्वारा राशि जमा की जा रही हैं। इसके अलावा नियमों के अनुसार सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का जो श्रम विभाग का जो नियम है उसका भी पालन नहीं किया जा रहा हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी द्वारा बोनस, युनिफार्म जैसे अन्य कारण बता कर वेतन भी काट लिया जाता हैं। इसकी शिकायत संभागायुक्त, कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रशासक को भी की जा चुकी हैं। इस संबंध में केएसएस कंपनी के अजय से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल नही उठाया।
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नगर निगम कर चुका है ब्लैक लिस्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री कृष्णा सिक्योरिटी भोपाल (केएसएस) ने उज्जैन नगर निगम में भी काम किया था। लेकिन यहां पर कंपनी द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण नगर निगम ने टेंडर निरस्त कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि उस दौरान कंपनी के लिए काम करने वाले कई कर्मचारियों को आज तक बकाया तीन माह का वेतन नहीं दिया गया था। जिस कंपनी को नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट कर रखा है उसे महाकाल मंदिर समिति केवल अनुबंध के आधार पर तीन सालों से उपकृत करती आ रही है।
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