झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार, लापरवाही ने ली मासूम की जान
- नवजात शिशु की मौत, पुलिस ने सील करवाया फर्जी क्लीनिक

उज्जैन। शहर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है, कॉलोनियों, बस्तियों और मोहल्लों में फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे है। ऐसे ही दो कमरों के क्लीनिक में सालों से प्रसूति करवा रही एक झोलाछाप डॉक्टर के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का अपना ही अलग तर्क है। हालांकि परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी एवं फर्जी क्लीनिक सील करवाया।
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सदावल निवासी माला पति संजय परमार को प्रसव पीड़ा के बाद परिजन पाड्याखेड़ी स्थित तैयबा शेख के क्लीनिक पर प्रसूति के लिए शनिवार को लेकर पहुंचे थे। यहां पर कुछ जांच के बाद तैयबा शेख ने उन्हे सामान्य प्रसूति का कहा और 30 हजार रुपए फीस भी ली। कुछ ही देर बाद माला ने जब बच्चे को जन्म दिया तो उसकी मौत हो गई। झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चे को परिजनों को सौपते हुए कहा की इसकी मौत हो गई है इसे चरक अस्पताल ले जाओं। परिजन रात में ही अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने नवजात शिशु की जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉ. तैयबा शेख की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने इसकी शिकायत पंवासा थाने में की। जिसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर पाड्याखेड़ी में चल रहे फर्जी क्लीनिक की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। जिसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने क्लीनिक सील किया।
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लकड़ी की बेंच पर करवा रही थी प्रसूति
पुलिस की जानकारी के बाद डॉ. विक्रम रघुवंशी और उनकी टीम ने पाड्याखेड़ी में संचालित हो रही फर्जी क्लीनिक की जांच की तो वहां हैरत कर देने वाला मंजर दिखाई दिया। दो कमरों में पलंग लगे हुए थे, यहां पर लकड़ी की बेंच पर महिलाओं की प्रसूति करवाई जाती थी, जो कि बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। यहां पर गंदगी भी मिली, क्लीनिक में कोई वैधानिक दस्तावेज भी नहीं मिले। हालांकि डॉक्टर्स को कुछ दवाईयां जरूर मिली है।
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क्लीनिक छोड़कर झोलाछाप भागी
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम के पहुंचने के पहले ही झोलाछाप डॉ. तैयबा शेख भाग निकली। टीम जब वहां पहुंची तो पता चला की उक्त मकान में ही डॉ. शेख रहती है और नीचे के हिस्से में प्रसूति करवाती हैं। वह सालों से पाड्याखेड़ी में महिलाओं की प्रसूति करवाती है। डॉ. विक्रम रघुवंशी का कहना है कि मौके पर कोई भी नहीं मिला। इसलिए क्लीनिक सील कर दिया गया हैं।
जिम्मेदारों का जवाब
शहर में चल रहे झोलाछाप डॉक्टर और नवजात शिशु की मौत के मामले में जब सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल से चर्चा की गई तो उन्होने कहा की प्राथमिक उपचार सरकारी अस्पताल, डिस्पेशरी में करवाने के बाद अगर कोई प्रायवेट और अवैध क्लीनिक में इलाज करवाने जाता है तो यह हमारी जवाबदारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रसूताओं के लिए कई प्रकार की सुविधा दी जाती है। जननी एक्सप्रेस, 108 एम्बुलेंस को कॉल कर सकते हैं।
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नवजात के शव का होगा पीएम
पंवासा थाना प्रभारी रविन्द्र कटारे ने बताया कि शिशु की मौत के बाद मर्ग कायम किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को सूचना देकर क्लीनिक सील करवाया गया। नवजात के शव को पीएम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया हैं। सोमवार को पीएम के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
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