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केतु ग्रह- लक्षण और प्रभाव के जानिये क्या होते है परिणाम

खराब केतु- लक्षण और प्रभाव के जानिये क्या होते है परिणाम

केतु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया। छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है। कहते हैं कि रोज पीपल की छाया में सोने वाले को किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता लेकिन यदि बबूल की छाया में सोते रहें तो दमा या चर्म रोग हो सकता है। इसी तरह ग्रहों की छाया का हमारे जीवन में असर होता है।

कैसे होता केतु खराब?
  1. पुरखों का मजाक उड़ाना, अच्छे से श्राद्धकर्म नहीं करना।
  2. गृहकलह या घर-परिवार के लोगों से झूठ बोलना।
  3. दुर्गा, गणेश और हनुमान का अपमान करना या उनका मजाक उड़ाना।
  4. घर का वायव्य कोण खराब है तो केतु भी खराब होगा।
  5. संतानों से अच्छा व्यवहार नहीं रखने पर भी केतु खराब हो जाता है।
केतु खराब की निशानी
  1. कुंडली में मंगल के साथ केतु का होना बहुत ही खराब माना गया है।
  2. चन्द्र के साथ होने से चन्द्रग्रहण माना जाता है।
  3. मंदा केतु पैर, कान, रीढ़, घुटने, लिंग, किडनी और जोड़ के रोग पैदा कर सकता है।
  4. मन में हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
  5. नींद में चमककर उठता है व्यक्ति। नींद कुत्ते जैसी हो जाती है।
  6. व्यक्ति भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, जादू-टोने पर विश्वास करने लगता है।
केतु की बीमारी
  • पेशाब की बीमारी।
  • संतान उत्पति में रुकावट।
  • सिर के बाल झड़ जाते हैं।
  • शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है।
  • केतु के अशुभ प्रभाव से चर्म रोग होता है।
  • कान खराब हो जाता है या सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
  • कान, रीढ़, घुटने, लिंग, जोड़ आदि में समस्या उत्पन्न हो जाती है।

Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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