एक ही जगह मिलेंगी सभी स्कूलों की किताबें और यूनिफॉर्म
28 मार्च से शुरू होगा उज्जैन में बुक-यूनिफॉर्म फेयर

उज्जैन। जिला प्रशासन ने अभिभावकों की सुविधा के लिए एक नई पहल की है। पहली बार शहर में दस दिवसीय पुस्तक और गणवेश मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला 28 मार्च से 6 अप्रैल तक हरिफाटक ओवर ब्रिज के नीचे स्थित हाट बाजार में आयोजित होगा। इस आयोजन का उद्देश्य अभिभावकों को सहूलियत प्रदान करना है ताकि वे अपने बच्चों की स्कूल संबंधी आवश्यकताओं को एक ही स्थान से पूरा कर सकें।
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मेले का आयोजन और विशेषताएँ
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निदेर्शानुसार इस मेले की व्यवस्था की गई है। इस मेले में विभिन्न अशासकीय विद्यालयों की पुस्तकें और यूनिफॉर्म एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इससे अभिभावकों को अलग-अलग दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और उन्हें समय और श्रम की बचत होगी। मेले में कुल 30 दुकानें लगेंगी, जिनका आवंटन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। विक्रेताओं को प्रतिदिन एक हजार रुपए के हिसाब से दस दिन का किराया देना होगा। इससे प्रशासन को भी उचित राजस्व प्राप्त होगा और विक्रेताओं को भी अपने उत्पाद बेचने का एक उपयुक्त मंच मिलेगा।
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विक्रेताओं के लिए आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक विक्रेताओं को 26 मार्च को शाम 4 बजे तक शिक्षा विभाग से आवेदन फॉर्म लेना होगा। भरा हुआ फॉर्म दस हजार रुपए के साथ शाम 5 बजे तक जिला पंचायत में जमा करना होगा। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन विशेष प्रयास कर रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आनंद शर्मा और एडीपीसी गिरीश तिवारी ने सभी पुस्तक और गणवेश विक्रेताओं को मेले में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि इस मेले से नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत में अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी।
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अभिभावकों को क्या लाभ मिलेगा?
- एक ही स्थान पर सभी स्कूलों की पुस्तकें और यूनिफॉर्म उपलब्ध होंगी।
- अलग-अलग दुकानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
- विभिन्न विक्रेताओं के बीच उचित प्रतिस्पर्धा रहेगी, जिससे उचित मूल्य पर सामान उपलब्ध होगा।
- नए शैक्षणिक सत्र की तैयारी में आसानी होगी।
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पहल लाभकारी सिद्ध होगी
जिला प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से उज्जैन के अभिभावकों और विद्यार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इससे न केवल उन्हें सुविधा मिलेगी बल्कि शिक्षा सामग्री की खरीदारी का एक सुव्यवस्थित मंच भी उपलब्ध होगा। इस मेले से सभी पक्षों को लाभ पहुंचेगा—अभिभावकों को सहूलियत, विक्रेताओं को व्यापार और प्रशासन को व्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था में सहयोग।
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