उज्जैन को स्वच्छता में मिला राष्ट्रीय सम्मान
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रदान किया पुरस्कार

उज्जैन। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों को सम्मानित किया। इस समारोह में मध्यप्रदेश के आठ शहरों ने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार हासिल किए, जिसमें उज्जैन ने सुपर स्वच्छता लीग में दूसरा स्थान प्राप्त कर प्रदेश में अपनी विशेष पहचान बनाई। इंदौर के बाद उज्जैन को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया। उज्जैन नगर निगम के महापौर मुकेश टटवाल और निगमायुक्त आशीष पाठक ने राष्ट्रपति के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया।
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उज्जैन का प्रदर्शन: 3 से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में अवार्ड
उज्जैन को 3 लाख से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। पहली बार आयोजित सुपर स्वच्छता लीग में देशभर के 23 शहरों ने स्थान बनाया, जिसमें उज्जैन ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की। सुपर स्वच्छता लीग में उन शहरों को शामिल किया गया, जो पहले भी स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उज्जैन ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर यह सम्मान हासिल किया।
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सिटी रिपोर्ट कार्ड: उज्जैन की उपलब्धियां
उज्जैन के सिटी रिपोर्ट कार्ड में शहर ने कई क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया:
- रहवासी और व्यावसायिक क्षेत्रों की स्वच्छता: 100% अंक
- वाटर बॉडी की स्वच्छता: 100% अंक
- डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण: 90% अंक
- पब्लिक टॉयलेट की स्वच्छता: 90% अंक
इन क्षेत्रों में उज्जैन ने स्वच्छता मिशन के मानकों को पूरी तरह से अपनाया और बेहतर परिणाम हासिल किए।
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सफाई मित्रों की मेहनत को सम्मान
महापौर मुकेश टटवाल ने इस उपलब्धि का श्रेय उज्जैन नगर निगम के सफाई मित्रों को दिया। उन्होंने कहा, 20 जुलाई को जब आपके गली-मोहल्लों में सफाई मित्र आएंगे, तो उनका सम्मान करें। यह पुरस्कार उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।” इस अवसर पर सफाई मित्रों को मिठाई खिलाकर और ढोल-ढमाकों के साथ आतिशबाजी कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
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ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट की भूमिका
उज्जैन की इस सफलता में ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह कंपनी नगर निगम के निदेर्शों पर घर-घर से कचरा संग्रहण, कचरे का पृथकिकरण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती है। कंपनी के कर्मचारियों ने न केवल कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाया, बल्कि शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित भी किया।
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स्वच्छता मिशन के मानक और एसओपी
निगमायुक्त आशीष पाठक ने बताया कि उज्जैन ने स्वच्छता मिशन के मानकों के अनुसार स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को पूरी तरह से लागू किया। उन्होंने कहा, “हमने स्वच्छता के हर पहलू पर ध्यान दिया, चाहे वह कचरा संग्रहण हो, पृथकिकरण हो या पब्लिक टॉयलेट की सफाई। इस पुरस्कार ने हमारे प्रयासों को और मजबूती दी है।”
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सफाई मित्रों का सम्मान…
उज्जैन ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी मेहनत और समर्पण से राष्ट्रीय स्तर पर एक नई मिसाल कायम की है। यह पुरस्कार न केवल शहर की उपलब्धि है, बल्कि उन सभी सफाई मित्रों और नागरिकों का सम्मान है, जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में योगदान दिया। उज्जैन अब भविष्य में भी स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी इस उपलब्धि को और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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