पुलिस थानों से मंदिर हटाने वाली याचिका खारिज
- हाईकोर्ट ने कहा- 2009 में दे चुके फैसला, एक ही मुद्दे पर पुन: याचिका क्यों
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के थानों में बने मंदिरों को हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। जबलपुर निवासी अधिवक्ता ओपी यादव ने यह याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर थानों में अवैध धार्मिक स्थल बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एमपी में 1159 थानों में से 800 में मंदिर हैं। ज्यादातर थानों में हनुमान जी के मंदिर हैं।
यह भी पढ़े- भाजपा नेता व शाखा प्रबंधक पर प्रकरण दर्ज
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस थानों से मंदिर हटाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने 2009 में इसी विषय पर पहले ही आदेश जारी किया था कि सार्वजनिक संपत्ति पर किसी प्रकार का धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इन धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि एक ही मुद्दे पर पुन: याचिका क्यों लगाई गई। मामले पर हाईकोर्ट में 4 नवंबर, 19 नवंबर और 16 दिसंबर को भी सुनवाई हुई थी।
यह भी पढ़े- भाजपा के पूर्व विधायक और कारोबारी पर आयकर विभाग का शिकंजा
इस याचिका पर बार काउंसिल के अधिवक्ता दिनेश अग्रवाल ने भी हस्तक्षेप किया और बताया कि वर्तमान में थानों से मंदिर हटाने वाली याचिका में जो वकील है, वह 2009 की याचिका में याचिकाकर्ता थे, उसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है, ऐसी स्थिति में अब याचिकाकर्ता चाहे तो कानूनी उपचार का उपयोग करना चाहे तो कर सकता है। फिलहाल अब मंदिर में बने थाने यथावत रहेंगे।
याचिकाकर्ता बोले- अपनी मर्जी से बना रहे मंदिर
जबलपुर निवासी अधिवक्ता ओपी यादव ने जबलपुर शहर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदन महल और विजय नगर थानों में बने मंदिरों की तस्वीरें हाईकोर्ट में पेश की थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर अपनी मर्जी से मंदिर बना रहे हैं, जो अवैध हैं और सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के खिलाफ हैं। याचिकाकर्ता ने जबलपुर थानों में मंदिरों की तस्वीरें हाईकोर्ट में पेश की थीं।
यह भी पढ़ो- गोवर्धन सागर को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश, 92 अतिक्रमण हटाए जाएंगे
सीएस और डीजीपी को नोटिस जारी
करीब डेढ़ माह पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन और डीजीपी को नोटिस देकर जवाब मांगा था। नोटिस गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग को भी दिए गए।
दतिया में निर्माण कार्य रोका गया
दतिया जिले के 25 थानों में से 20 में मंदिर बने हैं। इनमें से 5 मंदिर 100 साल से भी पुराने हैं। दतिया के कोतवाली थाने में नया मंदिर बनाया जा रहा था, लेकिन हाईकोर्ट के नोटिस के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। सिविल लाइंस थाने में हर शनिवार को बड़े धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जबलपुर के कोतवाली में 150 साल पहले बने मंदिर की हनुमान मंदिर की प्रतिमा हैं।
यह भी पढ़ो- लाखों की नकबजनी का खुलासा, 10 लाख नगद और 5 लाख के जेवर जप्त
कई थानों में अंग्रेजों के समय बने हनुमान मंदिर
प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे थाने भी हैं, जहां अंग्रेजों के समय से मंदिर बने हैं। जबलपुर में ही कोतवाली थाना परिसर में बना हनुमान मंदिर 150 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का निर्माण अंग्रेजी शासन काल में सैनिक पद पर रहने वाले पंडित नाथूराम व्यास द्वारा कराया गया था। इसी तरह मंडला, कटनी, रीवा, सागर, बालाघाट, बैतूल में भी कई थाने हैं, जो अंग्रेजों के समय के हैं। उप पुलिस अधीक्षक मदन मोहन समर कहते हैं कि ब्रिटिश सरकार की सैन्य और पुलिस छावनी में मंदिर और दूसरे धार्मिक स्थल बनाए जाने की परिपाटी शुरू हुई थी। थानों में जो मंदिर बने हैं, वह ज्यादातर आवासीय परिसर में बने हैं।
यह भी पढ़ो- डिजिटल अरेस्ट: बीएसएफ इंस्पेक्टर से 71 लाख की ठगी
पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…
ओर भी है खबरे
भाजपा पार्षद के घर में घुसकर मारपीट, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला