गोवर्धन सागर को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश, 92 अतिक्रमण हटाए जाएंगे
- एनजीटी कोर्ट से फैसला, 4 फरवरी तक हटाए अतिक्रमण
उज्जैन। नगर कोर्ट से अंकपात मार्ग तक फैले गोवर्धन सागर पर हुए अतिक्रमण को 4 फरवरी के पहले हटाने के आदेश एनजीटी कोर्ट ने सुनाया हैं। फैसला सुनाते हुए वहां सालों से चले आ रहे अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। इस कार्यवाही के दौरान सरकारी जमीन पर सागर के किनारे करीब 92 अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
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सूत्रों के अनुसार इस फैसले के बाद वहां के रहवासियों और दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। नगर निगम और जिला प्रशासन को 4 फरवरी तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करनी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 3 जनवरी को गोवर्धन सागर पर हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। जल संरचना पर हुए खिलवाड़ और अतिक्रमण को लेकर एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि नगर निगम उज्जैन इस आदेश का सख्ती से पालन करवाए। सभी अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए। इसके लिए उज्जैन कलेक्टर और नगर निगम को 4 फरवरी तक का समय दिया गया है। तहसीलदार आलोक चौरे ने बताया कि इस फैसले से करीब 52 दुकानें और 40 घर प्रभावित होंगे। इसमें नगर कोट की ओर बने घर, दीवारें और तीन दिशाओं में फैला अतिक्रमण हटाया जाएगा।
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91 लोगों को थमाए नोटिस
गोवर्धन सागर पर हुए अतिक्रमण को लेकर पहले भी संत धरना दे चुके हैं। सप्त सागरों में से एक गोवर्धन सागर की भूमि के सीमांकन के बाद करीब 91स्ट्रक्चर्स को नोटिस थमाया गया था। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब एनजीटी कोर्ट के आदेश के बाद दो माह का समय मिला है, जिसके बाद कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्य रूप से निर्मल सागर टॉकीज, स्टेट बैंक की गली के पीछे का भाग और वी.डी. मार्केट के पीछे के हिस्से का अतिक्रमण शामिल है।
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