नगर निगम के नए स्विमिंग पूल में हुक्का विवाद
महापौर ने कहा कार्यवाही होगी, कंपनी को नोटिस देंगे

उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन में हाल ही में शुरू किए गए नगर निगम के नए स्विमिंग पूल को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। शनिवार, 24 मई 2025 को वायरल हुए एक 26 सेकंड के वीडियो ने इस स्विमिंग पूल के संचालन और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में स्विमिंग पूल के एंट्री पॉइंट पर दो युवकों को हुक्का पीते हुए देखा गया, जिस पर एक व्यक्ति ने आपत्ति जताई। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि प्रशासन और निगम के अधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित किया है।
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स्विमिंग पूल का उद्घाटन और संचालन
उज्जैन नगर निगम ने आगर रोड स्थित अपने परिसर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल बनवाया है। इस पूल को 31 मार्च 2025 को आम जनता के लिए खोला गया था। इसका संचालन तीन साल के लिए निजी कंपनी रामा कृष्णा इंटरप्राइजेस को ठेके पर सौंपा गया है। यह पूल शहर के लोगों, विशेषकर परिवारों और बच्चों के लिए एक आकर्षक मनोरंजन और खेल सुविधा के रूप में शुरू किया गया था। उद्घाटन के समय तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और विधायक पारस जैन ने इस पूल में तैराकी का आनंद भी लिया था, जिससे इसकी लोकप्रियता बढ़ी थी।
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वायरल वीडियो और विवाद
शनिवार शाम 4:45 बजे बनाए गए 26 सेकंड के एक वीडियो ने इस स्विमिंग पूल को विवादों में ला दिया। वीडियो में पूल के एंट्री पॉइंट पर दो युवक हुक्का पीते हुए नजर आए। उस समय कई परिवार अपने बच्चों के साथ पूल में तैराकी के लिए पहुंचे थे। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने इस हरकत पर आपत्ति जताई और हुक्का पी रहे युवकों से बात की। युवकों ने जवाब में कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है। इसके बाद वीडियो बनाने वाले ने वहां मौजूद एक कर्मचारी से उसका नाम पूछा, जिसने अपना नाम साहिल बताया।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों ने स्विमिंग पूल के प्रबंधन और वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। खासकर, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील शहर उज्जैन में इस तरह की घटना ने लोगों के बीच नाराजगी पैदा की है।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्विमिंग पूल एक ऐसी जगह है जहां परिवार और बच्चे मनोरंजन और खेल के लिए आते हैं। ऐसे में एंट्री पॉइंट पर हुक्का जैसे नशीले पदार्थों का सेवन न केवल अनुचित है, बल्कि यह बच्चों और परिवारों के लिए असुरक्षित माहौल भी पैदा करता है। एक स्थानीय निवासी, राकेश शर्मा (बदला हुआ नाम), ने कहा, हम अपने बच्चों को तैराकी सिखाने और मनोरंजन के लिए यहां लाते हैं, लेकिन अगर ऐसी गतिविधियां होंगी तो हम कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?
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नगर निगम और कंपनी की चुप्पी
इस घटना के बाद नगर निगम और स्विमिंग पूल का संचालन करने वाली कंपनी रामा कृष्णा इंटरप्राइजेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, नगर निगम के अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई की बात कही जा रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पूल के संचालन में क्या कदम उठाए जाएंगे।
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सुरक्षा और प्रबंधन पर सवाल
यह घटना उज्जैन के स्विमिंग पूल के प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी कंपनी को ठेके पर देने के बाद भी नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह सुविधा के संचालन और वहां की गतिविधियों पर नजर रखे। एक सामाजिक कार्यकर्ता, अनिता वर्मा, ने कहा, 10 करोड़ रुपये की लागत से बना यह स्विमिंग पूल शहर की शान है, लेकिन अगर इस तरह की घटनाएं होंगी तो लोग इसका उपयोग करने से हिचकेंगे। नगर निगम को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
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जिम्मेदारी तय करने की भी मांग
इस वायरल वीडियो के बाद लोगों की मांग है कि स्विमिंग पूल के एंट्री पॉइंट पर सख्त निगरानी की जाए और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए नियम बनाए जाएं। साथ ही, संचालन करने वाली निजी कंपनी की जिम्मेदारी तय करने की भी मांग उठ रही है। इस घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक सुविधाओं के प्रबंधन और उनके उपयोग को लेकर बहस छेड़ दी है। उज्जैन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले शहर में इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासन की छवि को प्रभावित करती हैं, बल्कि लोगों का भरोसा भी कम करती हैं। नगर निगम और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
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