अपहरण: कांग्रेस विधायक के पोते को सुरक्षित बचाया
आरोपी निकला विधायक का करीबी रिश्तेदार, फिरौती के रूप में मांगा था डेढ़ किलो सोना

रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सिलवानी-बेगमगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल के दो वर्षीय पोते दिव्यम पटेल के अपहरण की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। इस सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी विधायक का करीबी रिश्तेदार और बच्चे का चाचा अनु उर्फ अरविंद पटेल निकला, जिसने अपने दो साथियों, राहुल कुर्मी और उमेश कुर्मी, के साथ मिलकर डेढ़ किलो सोने की फिरौती के लिए इस अपहरण की साजिश रची। रायसेन पुलिस की तत्परता और हाईटेक सर्च आॅपरेशन के चलते बच्चे को 16 घंटे के भीतर छिंदवाड़ा जिले के तामिया से सुरक्षित बरामद कर लिया गया, और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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अपहरण की साजिश और नाटकीय तलाश
घटना गुरुवार सुबह करीब 11 बजे बेगमगंज तहसील के पलोहा गांव में घटी, जब दिव्यम अपने घर के पिछले आंगन में खेल रहा था। इस समय बच्चे के पिता योगेंद्र पटेल अपनी बहन को लेने भोपाल गए थे, और घर पर केवल महिलाएं मौजूद थीं। मुख्य आरोपी अरविंद ने इस मौके का फायदा उठाया। उसने पहले योगेंद्र से फोन पर बात कर यह सुनिश्चित किया कि घर में कोई पुरुष मौजूद नहीं है। इसके बाद, अपने साथियों राहुल और उमेश की मदद से उसने बच्चे को घर के पिछले दरवाजे से अपहरण कर लिया, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था।
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अपहरण के बाद, अरविंद ने अपनी चाल को छिपाने के लिए परिजनों और पुलिस के साथ बच्चे की तलाश में शामिल होने का नाटक किया। उसने घर की महिलाओं और ग्रामवासियों के साथ मिलकर बच्चे की खोजबीन में हिस्सा लिया, ताकि उस पर कोई शक न हो। इस बीच, उसने अपने साथियों के साथ बच्चे को पहले सिलवानी ले जाया, जहां उनकी कार का टायर फट गया। इसके बाद, आरोपियों ने 45,000 रुपये में एक सेकेंड-हैंड बाइक खरीदी और बच्चे को नींद की गोली देकर बेहोश कर पिपरिया रोड होते हुए छिंदवाड़ा के तामिया ले गए।
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फिरौती का पत्र और भोपाल का बदला प्लान
पुलिस को जांच के दौरान घर के आंगन की टाइल्स के बीच एक लेमिनेटेड पत्र मिला, जिसमें डेढ़ किलो सोने की फिरौती की मांग की गई थी। पत्र में लिखा था, डेढ़ किलो सोना अरविंद के साथ भेज दो, वरना बच्चे को जान से मार देंगे।ह्व यह पत्र कंप्यूटर प्रिंटेड था और बारिश से बचाने के लिए लेमिनेट किया गया था। इस सुराग ने पुलिस की जांच को नई दिशा दी।
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आरोपियों का मूल प्लान बच्चे को भोपाल ले जाने का था, जहां वे उसे एक किराए के कमरे में छिपाने वाले थे। लेकिन 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे के कारण शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। चेकिंग के डर से आरोपियों ने ऐनवक्त पर अपना प्लान बदल दिया और बच्चे को 300 किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा जिले के तामिया ले गए, जहां उमेश कुर्मी का एक परिचित रहता था। उमेश अक्सर मजदूरों को लेने तामिया आया करता था, जिसके कारण उसे वहां के रास्तों की अच्छी जानकारी थी।
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पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही बेगमगंज पुलिस हरकत में आई। पुलिस अधीक्षक (एसपी) पंकज कुमार पांडे और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) कमलेश खरपुसे ने तुरंत मौके का मुआयना किया। तीन जिलों की पुलिस टीमों को जांच में लगाया गया, जिसमें बेगमगंज, सिलवानी, और गैरतगंज थानों की टीमें शामिल थीं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से तलाश शुरू की, लेकिन शुरूआत में कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
जांच के दौरान पुलिस को फिरौती का पत्र मिला, जिसके आधार पर अरविंद पर शक गहराया। जब अरविंद को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया, तो वह घबरा गया और बहाने बनाकर सिलवानी चला गया। उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया, जिससे पुलिस का शक और पक्का हो गया। रात 3 बजे, सिलवानी पुलिस ने अरविंद को हिरासत में लिया और उसी समय छिंदवाड़ा पुलिस ने तामिया में छापा मारकर उमेश और राहुल को गिरफ्तार कर लिया। बच्चा दिव्यम एक घर से सुरक्षित बरामद किया गया।
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मुख्य आरोपी का चौंकाने वाला खुलासा
मुख्य आरोपी अरविंद पटेल विधायक देवेंद्र पटेल का भांजा है और पीड़ित बच्चे के पिता योगेंद्र की बुआ का बेटा है। उसके पास 50 एकड़ से अधिक जमीन, एक आलीशान मकान, हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, और कार सहित कई संपत्तियां हैं। बचपन से ही उसका विधायक के घर आना-जाना था, जिसके कारण परिवार को उस पर कभी शक नहीं हुआ। दिलचस्प बात यह है कि विधायक ने उपचुनाव में अरविंद की पत्नी मीरा पटेल को मंडी अध्यक्ष बनवाया था। फिर भी, लालच में आकर अरविंद ने इस अपहरण को अंजाम दिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने डेढ़ किलो सोने की फिरौती के लिए यह साजिश रची थी।
परिवार की राहत और पुलिस का सम्मान
बच्चे के सकुशल बरामद होने पर परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। दिव्यम की मां दिव्या पटेल ने उसे सीने से लगाकर रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि बच्चे के अपहरण के बाद उन्होंने पूरी रात पूजन कक्ष में भगवान से उसकी सुरक्षा की प्रार्थना की थी। परिवार ने बिना कुछ खाए-पिए रात बिताई। जब पुलिस बच्चे को लेकर पलोहा गांव पहुंची, तो ग्रामवासियों ने आतिशबाजी और पुष्पवर्षा के साथ पुलिस अधिकारियों का स्वागत किया। विधायक देवेंद्र पटेल, परिजनों और ग्रामवासियों ने नर्मदापुरम आईजी मिथलेश कुमार शुक्ला, डीआईजी प्रशांत खरे, एसपी पंकज पांडे, और एएसपी कमलेश खरपुसे को शॉल, श्रीफल और फूलों से सम्मानित किया।
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पुलिस की तारीफ, सुरक्षा पर सवाल
इस हाई-प्रोफाइल मामले में रायसेन पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। पुलिस ने 14-16 घंटे के भीतर बच्चे को 300 किलोमीटर दूर से बरामद कर लिया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। विधायक के घर पर ही इतनी बड़ी वारदात होने से लोग हैरान हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि इस घटना ने रिश्तों पर भरोसे को भी झकझोर दिया है, क्योंकि अपहरण में परिवार का ही एक सदस्य शामिल था। यह मामला न केवल रायसेन, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक करीबी रिश्तेदार द्वारा लालच में आकर किए गए इस अपराध ने रिश्तों की नींव को हिला दिया है। पुलिस की तत्परता ने एक मासूम की जान बचाई, लेकिन इस घटना ने समाज में विश्वास और सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उजागर कर दिया है।
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