बैठक में कांग्रेस कार्यकतार्ओं के बीच चले लात-घूंसे
- भोपाल में कांग्रेस की संगठन सृजन अभियान बैठक में हंगामा, साजिद अली और आरिफ मसूद समर्थकों के बीच तनाव

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान की एक बैठक मंगलवार को विवादों में घिर गई। मध्य विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉकों की इस बैठक का आयोजन 9 मसाला रेस्टोरेंट में किया गया था, लेकिन यह बैठक उस समय तनावपूर्ण हो गई जब कांग्रेस नेता सैयद साजिद अली और विधायक आरिफ मसूद के समर्थकों के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। इस घटना ने कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को एक बार फिर उजागर कर दिया, जिसे विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तुरंत भुनाने की कोशिश की।
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बैठक में क्या हुआ?
बैठक में भोपाल जिले की पर्यवेक्षक यशोमती ठाकुर, विधायक महेश परमार, दिलीप सिंह गुर्जर, और कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना मौजूद थे। सैयद साजिद अली अपने समर्थकों के साथ बैठक में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मौजूदगी को लेकर आरिफ मसूद के समर्थकों ने आपत्ति जताई। साजिद ने दैनिक भास्कर को बताया कि वह भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिसके चलते यह विवाद हुआ।
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साजिद के अनुसार, जब वह बैठक में पहुंचे तो विधायक आरिफ मसूद ने उनसे सवाल किया, “यहां क्यों आए हो? साजिद ने जवाब दिया कि वह जिला अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इस पर मसूद ने कथित तौर पर कहा, “कुछ हो जाएगा तो फिर क्या होगा? साजिद ने इसका विरोध किया और कहा कि वह अपनी दावेदारी के लिए आए हैं। इसके बाद मसूद के समर्थकों ने गाली-गलौज शुरू कर दी, जिसके जवाब में साजिद के समर्थकों ने भी प्रतिक्रिया दी। स्थिति तब और बिगड़ गई जब दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
हालांकि, साजिद और मसूद ने बीच-बचाव कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन इस घटना ने कांग्रेस की संगठनात्मक एकता पर सवाल उठा दिए। साजिद ने स्पष्ट किया कि उनकी जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी के कारण कुछ लोग जानबूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
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पुलिस का हस्तक्षेप और शिकायती आवेदन
विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत किया। इसके बाद, दोनों पक्षों ने स्थानीय थाने में शिकायती आवेदन दाखिल किए। कांग्रेस के एमपी नगर ब्लॉक अध्यक्ष नवीन चौबे ने दावा किया कि वह मंच पर व्यवस्थाएं देख रहे थे और उनके सामने कोई विवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचे, स्थिति शांत हो चुकी थी।
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बीजेपी ने साधा निशाना
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए इसे अपनी कमजोरी के रूप में पेश किया। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने लिखा, “कांग्रेस की बैठक या कुश्ती प्रतियोगिता? भोपाल में कांग्रेस का संगठन सृजन अब संघर्ष सृजन बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिद अली ने पिछले चुनाव में बीजेपी के पक्ष में काम किया था, जिसके जवाब में साजिद के समर्थकों ने कथित तौर पर कहा, “बैठक में देशभक्तों की जरूरत नहीं। इसके बाद बहस, धक्का-मुक्की और कुर्सियां चलने की नौबत आ गई।
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आरिफ मसूद का बयान: बीजेपी से आए नेताओं पर सवाल
बैठक को संबोधित करते हुए विधायक आरिफ मसूद ने कांग्रेस की आंतरिक कमजोरियों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी, तब माहौल बनाया गया था कि ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस कमजोर हो गई है। लेकिन, उन्होंने दावा किया कि 27 उपचुनावों में कांग्रेस ने 9 सीटें जीतीं और जहां हारी, वहां भी 50 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए। मसूद ने बीजेपी से आए नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा, “कांग्रेस को बीजेपी से मिले नेता कमजोर करना चाहते हैं। ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना होगा।
मसूद ने पर्यवेक्षकों से अनुरोध किया कि जो लोग बंद कमरे में शिकायतें लेकर आएं, उनसे लिखित में नाम और नंबर मांगा जाए ताकि उनकी शिकायतों का सत्यापन किया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस अब “धंधे वालों” को बर्दाश्त नहीं करेगी और पार्टी मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी।
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संगठन सृजन अभियान का मकसद
कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान मध्य प्रदेश में पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और 2028 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत जिला और ब्लॉक स्तर पर नए अध्यक्षों का चयन किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्पष्ट किया है कि बीजेपी से आए नेताओं को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा और केवल वफादार और जमीनी कार्यकतार्ओं को तरजीह दी जाएगी।
हालांकि, भोपाल की इस बैठक में हुए विवाद ने इस अभियान की राह में चुनौतियों को उजागर कर दिया। पार्टी के अंदरूनी मतभेद और गुटबाजी अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए कांग्रेस को कड़े कदम उठाने होंगे।
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विवाद पार्टी के लिए एक चेतावनी
भोपाल में कांग्रेस की बैठक में हुआ यह विवाद पार्टी के लिए एक चेतावनी है कि संगठनात्मक एकता के बिना 2028 के चुनावी लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा। सैयद साजिद अली और आरिफ मसूद के बीच तनाव ने एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाजी को सामने ला दिया है। बीजेपी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस की कमजोरियों को उजागर करने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस इस अभियान के जरिए अपनी खोई जमीन वापस पा सकेगी, या आंतरिक कलह उसकी राह में रोड़ा बनेगी।
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