धर्म

करवा चौथ: जानिये क्या है पौराणिक कथा

चंद्र दर्शन और पूजन के बाद ही महिलाएं खाना-पानी ग्रहण करती हैं

करवा चौथ पर गणेश जी के साथ ही चौथ माता और चंद्र देव की पूजा की जाती है। रात में चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य दिया जाता है। चंद्र दर्शन और पूजन के बाद ही महिलाएं खाना-पानी ग्रहण करती हैं। इस व्रत में करवा चौथ माता की कथा पढ़ने और सुनने की परंपरा है। इसके बिना ये व्रत पूरा नहीं माना जाता है।

यह भी पढ़े- सिहंस्थ क्षेत्र की 100 करोड़ की सरकारी जमीन से हटाया अतिक्रमण

ये पौराणिक कहानी वेद शर्मा नाम के एक ब्राह्मण की पुत्री वीरावती से जुड़ी है। वेद शर्मा इंद्रप्रस्थ नगर में रहता था। लीलावती उसकी पत्नी थी। वेद शर्मा और लीलावती के सात पुत्र और एक पुत्री थी। पुत्री का नाम वीरावती था। वीरावती बड़ी हुई तो सातों भाइयों ने उसका विवाह करवा दिया। शादी के बाद कार्तिक कृष्ण चतुर्थी पर वीरावती अपने भाइयों से मिलने उनके घर आई थी। उस दिन वीरावती की सभी भाभियां करवा चौथ का व्रत कर रही थीं, उनके साथ ही वीरावती ने भी ये व्रत कर लिया।

यह भी पढ़े- महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र के प्रभारी सहित 3 को उम्रकैद

वीरावती भूख-प्यास सहन नहीं कर पा रही थी, इस वजह से चंद्र उदय पहले ही बेहोश हो गई। बहन को बेहोश देखकर सातों भाई परेशान हो गए। सभी भाइयों ने तय किया कि किसी तरह बहन को खाना खिलाना चाहिए। उन्होंने सोच-विचार करके एक पेड़ के पीछे से मशाल जलाकर रोशनी कर दी। बहन को होश में लाकर कहा कि चंद्र उदय हो गया है। वीरावती ने भाइयों की बात मानकर विधि-विधान से मशाल के उजाले को ही अर्घ्य दे दिया और इसके बाद भोजन कर लिया।

यह भी पढ़े- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय की अमानत से सगाई

अगले दिन वीरावती अपने ससुराल लौट आई। कुछ समय बाद ही उसके पति की मृत्यु हो गई। पति की मृत्यु के बाद वीरावती ने अन्न-जल का त्याग कर दिया। उसी दिन इंद्राणी पृथ्वी पर आई थीं। वीरावती ने इंद्राणी को देखा तो उनसे अपने दुख की वजह पूछी। इंद्राणी ने वीरावती को बताया कि तुमने पिता के घर पर करवा चौथ का व्रत सही तरीके से नहीं किया था, उस रात चंद्र उदय होने से पहले ही तुमने अर्घ्य देकर भोजन कर लिया, इस वजह से तुम्हारे पति की मृत्यु हुई है।

यह भी पढ़े- उज्जैन की निकिता बनी मिस इंडिया

इंद्राणी ने आगे कहा कि अगर तुम अपने पति को फिर से जीवित करना चाहती हो तो तुम्हें विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत करना होगा। मैं उस व्रत के पुण्य से तुम्हारे पति को जीवित कर दूंगी। वीरावती ने पूरे साल की सभी चतुर्थियों का व्रत किया और जब करवा चौथ आई तो ये व्रत भी पूरे विधि-विधान से किया। इससे प्रसन्न होकर इंद्राणी ने उसके पति को जीवनदान दे दिया। इसके बाद उनका वैवाहिक जीवन सुखी हो गया। वीरावती के पति को लंबी आयु, अच्छी सेहत और सौभाग्य मिला।

यह भी पढ़े- विक्रमादित्य वैदिक घड़ी: उज्जैन में स्थापित है पहली वैदिक घड़ी- जानिये विशेषताएं

यह भी पढ़े- प्रिंसिपल ने की टीचर से अश्लील बात: ऑडियो हुआ वायरल

पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज,  Telegram  और WhatsApp से…

ओर भी है खबरे

दीपावली के पहले 24 को गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग

सिंहस्थ 2028 के लिए 5882.14 करोड़ विकास कार्यों की मिली स्वीकृति

Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please turn off adblocker