प्रदेश

1 अप्रैल से बिजली, पानी, प्रॉपर्टी और टोल टैक्स में बढ़ोतरी

नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के साथ मध्यप्रदेश में महंगाई की मार

भोपाल। 1 अप्रैल 2025 से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष के साथ ही मध्यप्रदेश की जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, मकान खरीदने और हाईवे पर सफर करने की लागत में बढ़ोतरी ने आम लोगों की जेब पर असर डाला है। 30 मार्च की देर रात मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में 3.46 प्रतिशत की वृद्धि का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके बाद घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं को हर यूनिट पर 18 पैसे अतिरिक्त चुकाने होंगे। इसके अलावा, भोपाल में प्रॉपर्टी की कीमतों में 14 प्रतिशत और इंदौर में 26 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। भोपाल नगर निगम पानी और प्रॉपर्टी टैक्स में भी इजाफे की तैयारी कर रहा है, जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने टोल टैक्स में वृद्धि लागू कर दी है।

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बिजली की नई दरें: हर यूनिट पर 18 पैसे की बढ़ोतरी

मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नया टैरिफ आॅर्डर जारी किया है, जिसमें बिजली की दरों में औसतन 3.46 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोतरी घरेलू और कमर्शियल दोनों तरह के उपभोक्ताओं पर लागू होगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपभोक्ता 100 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो उसे अब 18 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। पिछले तीन सालों में यह दूसरी बार है जब नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ाई हैं। इससे पहले 2023-24 में भी टैरिफ में वृद्धि की गई थी।

बिजली बिल में आमतौर पर एनर्जी चार्ज, फिक्स चार्ज, फ्यूल कॉस्ट और ड्यूटी चार्ज जैसे शुल्क शामिल होते हैं। इस बार नियामक आयोग ने फिक्स चार्ज को पूरी तरह खत्म कर दिया है, जिससे कुछ उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। हालांकि, बाकी शुल्क बिजली दरों में वृद्धि के अनुपात में बढ़ेंगे।

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अटल गृह ज्योति योजना पर असर

मध्यप्रदेश में 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को अटल गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट तक बिजली पर सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत 100 यूनिट मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं को केवल 100 रुपये देने होते हैं। नई दरों के बाद इन उपभोक्ताओं का बिल 24 रुपये बढ़ना था, लेकिन सरकार ने इस अतिरिक्त राशि को वहन करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को अभी भी सिर्फ 100 रुपये ही देने होंगे। 150 यूनिट तक की खपत में भी शुरूआती 100 यूनिट के लिए 100 रुपये का भुगतान करना होगा, बाकी का बोझ सरकार उठाएगी।

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बिजली उपभोक्ताओं को राहत

नई टैरिफ नीति में कुछ राहत भी दी गई है। निम्न दाब उपभोक्ताओं (230-400 वोल्टेज लाइन से बिजली लेने वाले घरेलू उपभोक्ता) और मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं (11,000 वोल्टेज लाइन से बिजली लेने वाले कमर्शियल उपभोक्ता) के लिए मिनिमम चार्ज खत्म कर दिया गया है। पहले ऐसे घरों या फैक्ट्रियों को भी बिल देना पड़ता था, जहां कई महीनों से बिजली का उपयोग नहीं हुआ था। अब यह नियम हटने से इन उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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स्मार्ट मीटर वालों के लिए खास लाभ

स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली इस्तेमाल करने पर प्रोत्साहन दिया गया है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (8 घंटे) उपयोग की गई बिजली पर 20 प्रतिशत छूट मिलेगी, जबकि बाकी 16 घंटों में खपत पर 10 प्रतिशत ज्यादा शुल्क देना होगा। बिजली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि गर्मियों में सौर पैनल अधिक बिजली पैदा करते हैं, इसलिए दिन में छूट का प्रावधान किया गया है।

हालांकि, स्मार्ट मीटर की लागत, संचालन, मेंटेनेंस और डाटा ट्रांसमिशन का खर्च टैरिफ में जोड़ा जाएगा, जिसे 10 साल तक 25,000 रुपये की किस्तों में वसूला जाएगा। सामान्य मीटर वाले उपभोक्ताओं को यह सुविधा नहीं मिलेगी, क्योंकि उनके मीटर में हर घंटे की खपत गिनने की क्षमता नहीं है। लेकिन 1 अप्रैल के बाद स्मार्ट मीटर लगवाने पर यह लाभ शुरू हो जाएगा। यह नियम पूरे साल लागू रहेगा।

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किसानों पर प्रभाव और राहत

नई टैरिफ दरों से किसानों पर भी असर पड़ेगा। प्रति यूनिट 20 पैसे की बढ़ोतरी के बाद 300 यूनिट तक खपत करने वाले किसानों को 18 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त देना होगा। हालांकि, सरकार ने मध्यप्रदेश के 37 लाख किसानों को राहत देते हुए सब्सिडी का प्रावधान बनाए रखा है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक, किसानों को 750 रुपये प्रति हॉर्स पावर की दर से भुगतान करना होगा, बाकी अंतर सरकार वहन करेगी। उदाहरण के लिए, 3 हॉर्स पावर पंप के लिए सरकार 28,480 रुपये, 5 हॉर्स पावर के लिए 50,921 रुपये और 10 हॉर्स पावर के लिए 1,08,155 रुपये की सब्सिडी देगी। कुल मिलाकर किसान बढ़ी हुई दरों का 7 प्रतिशत हिस्सा देंगे, शेष 93 प्रतिशत सरकार सब्सिडी के रूप में देगी।

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बिजली दरें क्यों बढ़ाई गईं?

मध्यप्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों (पूर्व, पश्चिम और मध्य) ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 7.52 प्रतिशत टैरिफ बढ़ोतरी की मांग की थी। कंपनियों का कहना था कि मौजूदा टैरिफ से उनकी आय में 4,107 करोड़ रुपये की कमी हो रही है। इस रेवेन्यू गैप को पाटने के लिए टैरिफ बढ़ाया गया, लेकिन नियामक आयोग ने मांग से लगभग आधा, यानी 3.46 प्रतिशत की वृद्धि को ही मंजूरी दी। पिछले तीन साल में आयोग ने दो बार टैरिफ बढ़ाया है, जिससे कुल 5.11 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है।

हाईवे पर सफर महंगा

नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने टोल टैक्स में भी बढ़ोतरी लागू की है। इंदौर-देवास बायपास, मांगलिया और इंदौर-अहमदाबाद माछलिया घाट टोल की राशि बढ़ा दी गई है। पिछले साल मध्यप्रदेश हाईवे अथॉरिटी ने 4 नेशनल हाईवे पर 1 से 3.5 प्रतिशत और 6 स्टेट हाईवे पर 7.5 प्रतिशत तक वृद्धि की थी। इसमें मटकुली-तामिया-छिंदवाड़ा, जावरा-नयागांव जैसे मार्ग शामिल हैं।

प्रॉपर्टी के दामों में बढ़ोतरी

1 अप्रैल से भोपाल में 14 प्रतिशत और इंदौर में 26 प्रतिशत तक प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाई गई हैं। कलेक्टर की गाइडलाइन के बाद यह बदलाव हुआ है। भोपाल क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने इसे बाजार के लिए नुकसानदायक बताया और कहा कि गुजरात जैसे राज्य 12 साल से प्रॉपर्टी रेट नहीं बढ़ा रहे हैं। महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर रजिस्ट्री चार्ज में 2 प्रतिशत छूट मिलेगी।

पानी और एटीएम भी महंगे

भोपाल नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स में 10 प्रतिशत और पानी के बिल में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की तैयारी कर रहा है। 1 मई से एटीएम इस्तेमाल भी महंगा होगा, जहां तय सीमा से ज्यादा निकासी पर 21 की जगह 23 रुपये शुल्क देना होगा। इस बढ़ोतरी से मध्यप्रदेश की जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, हालांकि सरकार ने सब्सिडी और कुछ राहतों के जरिए प्रभाव को कम करने की कोशिश की है।

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Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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