
उज्जैन। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के तहत उज्जैन जिले के स्कूलों में पुस्तक क्रय की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। यह आदेश स्कूल संचालकों, प्रकाशकों और विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने की दिशा में एक अहम कदम है।
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आदेश के अनुसार सभी स्कूल संचालकों और प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी स्कूल की वेबसाइट पर हर कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची अपलोड करें। इसके साथ ही, स्कूल परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर यह सूची चस्पा करनी होगी ताकि छात्रों और उनके अभिभावकों को यह जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। पुस्तकों की सूची की एक प्रति भी सभी प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय और परीक्षा परिणाम के समय तक उपलब्ध कराई जाएगी।
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विशिष्ट विक्रेता या प्रकाशक से बाध्य न हो
इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्कूलों में किताबों के क्रय में कोई भी अभिभावक या विद्यार्थी किसी एक विशिष्ट विक्रेता या प्रकाशक से बाध्य न हो। अभिभावक 15 जून 2025 तक पुस्तकों को क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके अलावा, स्कूलों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे अप्रैल से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के पहले 30 दिनों (01 अप्रैल से 30 अप्रैल) का इस्तेमाल विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन, व्यावहारिक और मनोवैज्ञानिक पद्धतियों से शिक्षण में कर सकते हैं।
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पुस्तक से लेकर यूनिफॉर्म तक के लिए बाध्य नही
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने यह भी कहा कि स्कूल संचालकों को केवल वे पुस्तकें ही लागू करने के लिए प्रेरित करना होगा जो कि संबंधित शैक्षिक बोर्ड, जैसे कि सीबीएसई, आईसीएसई या राज्य शिक्षा मंडल द्वारा अनुमोदित हों। इन पुस्तकों के अलावा किसी भी अन्य पुस्तक को खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को किताबों के अलावा अन्य सामग्री जैसे कापियां, यूनिफॉर्म, आदि विशेष दुकानों से खरीदने के लिए भी कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी विक्रेता द्वारा स्कूल परिसर में प्रचार-प्रसार न किया जाए और न ही पाठ्यक्रम से संबंधित बिना किसी आवश्यक सामग्री को पुस्तक सेट में जोड़ा जाए।
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स्कूलों को मनना होगा आदेश
इसके अतिरिक्त, नोटबुक्स (कॉपियां) की ग्रेड, साइज, पेज की संख्या और मूल्य की जानकारी भी स्पष्ट रूप से उल्लेखित करनी होगी। स्कूलों को अधिकतम दो यूनिफॉर्म निर्धारित करने की अनुमति होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यूनिफॉर्म में कम से कम तीन सत्रों तक कोई बदलाव न किया जाए। इस आदेश के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और संबंधित व्यक्ति या संस्था पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। स्कूलों को यह आदेश मानने की पूरी जिम्मेदारी दी गई है, और यदि किसी स्कूल ने इस आदेश का उल्लंघन किया तो स्कूल प्राचार्य, संचालक और प्रबंधन समिति सभी दोषी माने जाएंगे।
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कमांड कंट्रोल रूम पर करे शिकायत
कलेक्टर ने आमजन से अनुरोध किया है कि यदि वे इस आदेश के उल्लंघन के बारे में कोई जानकारी प्राप्त करें, तो वे कमांड कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 0734-2520711 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह आदेश आगामी दो महीनों तक प्रभावी रहेगा और जिले के सभी स्कूलों को इसे लागू करने का निर्देश दिया गया है। सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर इस आदेश की सूचना चस्पा करने का आदेश दिया गया है, और प्राचार्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस आदेश की जानकारी सभी प्रबंधकों को दी जाए। यह आदेश उज्जैन जिले में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल विद्यार्थियों के अधिकारों की रक्षा करेगा बल्कि उनके अभिभावकों को भी एक समान और निष्पक्ष पुस्तक खरीदने का अवसर प्रदान करेगा।
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