Smart City में PDMC नही कर रही स्मार्ट वर्क

– Ujjain Smart City अधीक्षण यंत्री भी नही दे रहे PDMC कर्मचारियों पर ध्यान
उज्जैन। उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) विभाग में वैसे तो काम भी स्मार्ट यानि और फूर्तीला होना चाहिए, लेकिन स्मार्ट सिटी में लाखों रूपये महिना लेने वाली निजी कंपनी पीडीएमसी (PDMC) का स्मार्ट वर्क नजर नही आ रहा है। इसके पीछे उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) अधीक्षण यंत्री की अनदेखी भी साफ नजर आ रही है, जो पीडीएमसी वालों कार्य नही ले पा रहे है। यहींकारण है कि स्मार्ट सिटी से जुड़े कार्यों की ड्रार्इंग-डिजाईन समय पर उपलब्ध हो पाने से विभिन्न कार्यों में विलंब हो रहा है।
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उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) के सभी कार्य ड्राईग-डिजाईन एवं निर्माण सम्बंधी निर्णय समय पर नही होने से कई कार्य बंद पड़े हुए है। प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट (PDMC) द्वारा समय पर ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों को ड्राईग नही दी जा रही है। इसके अलावा अधीक्षण यंत्री नीरज पांडे की कार्यशैली से भी ठेकेदार और उनके अधिनस्थ स्मार्ट सिटी से जुड़े लोग काफी नाराज है। अधीक्षण यंत्री नीरज पांडे का आईपीई ग्लोबल लिमिटेड कंपनी की पीडीएमसी और स्मार्ट सिटी के अधिनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों पर कोई नियंत्रण नही है।
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PDMC कर रही स्मार्ट सिटी का खजाना खाली
सूत्रों के अनुसार आईपीई ग्लोबल लिमिटेड कंपनी (IPE Global Limited Company) की पीडीएमसी (प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट) उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) का खजाना खाली करने में लगी हुई है, अब तक जितना रूपया पीडीएमसी को दिया गया है, उससे कई बड़े निर्माण कार्य किये जा सकते थे। सूत्रों के अनुसार पीडीएमसी (PDMC) को स्मार्ट सिटी द्वारा प्रतिमाह लगभग 60-70 लाख रूपये कंसलटेंसी के बिलों का भुगतान किया जाता है। सूत्रों के अनुसार पीडीएमसी (PDMC) द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, ताकि कार्य लंबा खींचा जा सके। सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2017 से अब तक पीडीएमसी को स्मार्ट सिटी द्वारा 40 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। पिछले 8-10 महिनों से कार्य की गति धीमी होने के बावजूद प्रतिमाह पीडीएमसी को भुगतान दिया जा रहा है।
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अधिकारी और कर्मचारियों की फौज
उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) से जुड़े सूत्रों की माने तो स्मार्ट सिटी में 34 कर्मचारी-अधिकारी नियुक्त है वहीं पीडीएमसी (प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट) में इंजीनियर, डाफ्टमेन सहित 42 का लोगों का स्टॉफ और आउटसोर्स के 25 कर्मचारी है। इस प्रकार लगभग 101 कर्मचारी-अधिकारीयों का स्टॉफ स्मार्ट सिटी में पदस्थ है, इसके बाद भी स्मार्ट सिटी के द्वारा चलाये जा रहे कार्यों की गति में कोई तेजी नही आ रही है।
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अनोखा विभाग जहां कमीशन नही महिने से भुगतान
सूत्रों की माने तो उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) ऐसा विभाग बन गया है, जहां प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट (Project Development & Management Consultant) के लिए रखी गई कंपनी को प्रोजेक्ट की लागत के अनुरूप कमीशन नही बल्कि महिने से लाखों का भुगतान किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो पीडब्ल्यूडी, नगर निगम सहित अन्य विभागों द्वारा भी प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट के लिए कंपनी से काम लिया जाता है, लेकिन वहां पर प्रोजेक्ट की लागत के हिसाब से एक से डेढ़ प्रतिशत का भुगतान किया जाता है, लेकिन यहां तो 10 करोड़ का काम हो या 50 लाख का उज्जैन स्मार्ट सिटी (Ujjain Smart City) कंपनी द्वारा प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एवं मैंनेजमेंट कंसलटेंट कंपनी को कमिशन की बजाय महिने का 60-70 लाख रूपये का भुगतान कर रही है।
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