प्रदेश

मुख्यमंत्री ने भरी बैठक में 4 अफसरों को किया सस्पेंड

सिवनी के टीआई-एसडीओपी को नोटिस, कई पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में आयोजित समाधान ऑनलाइन की समीक्षा बैठक में सख्त रुख अपनाते हुए चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनता के हित से जुड़े कार्यों में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही, सिवनी जिले में एफआईआर दर्ज न करने के मामले में वहां के थाना प्रभारी (टीआई) और उप पुलिस अधीक्षक (एसडीओपी) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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वर्चुअल बैठक में समस्याओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में प्रदेश भर से लोगों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, कमिश्नर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में विभिन्न योजनाओं के लाभ लोगों तक समय पर न पहुंचने पर सीएम ने कड़ा रुख अपनाया और अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सरकार की प्राथमिकता है और इसमें लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।

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सिवनी और सीहोर में लापरवाही पर नाराजगी

सिवनी जिले में बच्चों, बच्चियों और महिलाओं के गुम होने तथा अपहरण की घटनाओं में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न करने पर मुख्यमंत्री ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित टीआई और एसडीओपी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वहीं, सीहोर जिले में नल जल योजना के तहत पानी की आपूर्ति चिन्हित गांवों के आखिरी छोर तक न पहुंचने पर भी सीएम ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जब पानी देने का निर्णय लिया गया है, तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है? यह गंभीर लापरवाही है।

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विदिशा, टीकमगढ़ और खंडवा में भी कार्रवाई

विदिशा: मुद्रा योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ न मिलने की शिकायत पर सीएमओ को नोटिस जारी किया गया। साथ ही, लीड बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए लीड बैंक को पत्र लिखने का निर्देश दिया गया।

टीकमगढ़: बकरी पालन के लिए अनुदान की फाइल गायब होने का मामला सामने आया। समाधान ऑनलाइन में शिकायत दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन ने आनन-फानन में लाभार्थी को अनुदान प्रदान किया।

खंडवा: दिव्यांगों को 193 दिनों से राशि न मिलने की शिकायत पर कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक पर 5,000 रुपये का जुमार्ना लगाया। यह कार्रवाई भी समाधान ऑनलाइन में मामला उठने के बाद हुई।

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सीएम का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी सर्वोपरि है। उन्होंने जोर देकर कहा कि योजनाओं का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंचना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। इस बैठक ने एक बार फिर राज्य सरकार के “जनता पहले” के संकल्प को मजबूत किया है। प्रदेश भर में इस कार्रवाई की चर्चा हो रही है और लोग इसे प्रशासनिक जवाबदेही की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।

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Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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