लोकायुक्त की कार्रवाई: बीआरसी रिश्वत लेते गिरफ्तार
- स्कूल संचालक से मान्यता रिन्यू कराने के बदले मांगी थी 80 हजार की रिश्वत

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए खंड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) नीरज गर्ग को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। नीरज गर्ग, जो इंदौर शहर-1 में स्कूल शिक्षा विभाग में बीआरसी के पद पर तैनात हैं, ने एक निजी स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के लिए 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने कालानी चौराहा पर ट्रैप लगाकर आरोपी को धर दबोचा।
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लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय के अनुसार शिकायतकर्ता रामविलास गुर्जर, जो नगीन नगर एरोड्रम रोड स्थित द सेंट पीटर्स कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक हैं, ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। रामविलास ने बताया कि उनकी स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन बीआरसी नीरज गर्ग ने इसके एवज में 80 हजार रुपये की मांग की। नीरज ने स्कूल संचालक पर लगातार दबाव बनाया और धमकी दी कि रिश्वत नहीं देने पर वह स्कूल के खिलाफ विपरीत रिपोर्ट बनाकर मान्यता रद्द करवा देंगे।
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रामविलास ने बताया कि नीरज गर्ग ने पहले भी एक बार उनके स्कूल की मान्यता रद्द करवाने के लिए विपरीत रिपोर्ट बनाई थी। हालांकि कलेक्टर आशीष सिंह ने अपील पर सुनवाई के बाद स्कूल की मान्यता बहाल कर दी थी। इसके बावजूद नीरज ने फिर से रिश्वत की मांग शुरू कर दी। पहले चरण में उसने 50 हजार रुपये की रिश्वत ली और शेष 30 हजार रुपये की मांग की। परेशान होकर रामविलास ने लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया।
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लोकायुक्त का जाल
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की तस्दीक के लिए रामविलास और नीरज गर्ग के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई। इस दौरान नीरज ने 50 हजार रुपये पड़ोस के ओएसिस स्कूल के कर्मचारी कमल सिंह वीरजी को देने का निर्देश दिया। रामविलास ने 25 अगस्त 2025 को कमल सिंह को 50 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद नीरज ने शेष 30 हजार रुपये के लिए रामविलास को 26 अगस्त को शाम 6 बजे कालानी चौराहा पर बुलाया।
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लोकायुक्त पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर ट्रैप दल तैयार किया। जैसे ही रामविलास ने नीरज गर्ग को 30 हजार रुपये की रिश्वत दी, वहां पहले से तैनात लोकायुक्त की टीम ने नीरज को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई में लोकायुक्त पुलिस के एसपी राजेश सहाय और डीएसपी सुनील तालान की अगुवाई में ट्रैप दल ने त्वरित कार्रवाई की। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी नीरज गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में यह भी पता चला कि नीरज गर्ग ने पहले भी कई बार स्कूल संचालकों पर दबाव बनाकर रिश्वत वसूली थी।
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स्कूल संचालक का बयान
रामविलास गुर्जर ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि नीरज गर्ग की रिश्वतखोरी के कारण वह काफी परेशान थे। उन्होंने कहा कि नीरज ने बार-बार दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर रिश्वत नहीं दी तो स्कूल की मान्यता रद्द हो जाएगी। मैंने पहले 50 हजार रुपये दिए, लेकिन उसकी मांग खत्म नहीं हुई। आखिरकार, मैंने लोकायुक्त की मदद लेने का फैसला किया। रामविलास ने लोकायुक्त पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में डर पैदा होगा।
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लोकायुक्त की अपील
लोकायुक्त पुलिस ने इस कार्रवाई के बाद आम जनता और स्कूल संचालकों से अपील की है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत की मांग करता है, तो वे तुरंत लोकायुक्त पुलिस से संपर्क करें। लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। हमारी टीम हर शिकायत पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्रवाई इंदौर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की सख्ती को दशार्ती है। नीरज गर्ग की गिरफ्तारी से स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
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