पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में युवती ने बनाई रील
- वीडियो इंस्टाग्राम पर किया शेयर, प्रशासन और मंदिर समिति पर कार्रवाई का दबाव

मंदसौर। मंदसौर के प्रसिद्ध अष्टमुखी पशुपतिनाथ मंदिर में एक बार फिर गर्भगृह में रील बनाने का मामला सामने आया है। एक युवती, जिसका नाम शीतल शर्मा बताया जा रहा है, ने मंदिर के पवित्र गर्भगृह में रील बनाकर उसे इंस्टाग्राम पर साझा किया। इस घटना ने स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और राजनेताओं के बीच रोष पैदा कर दिया है। यह दूसरी बार है जब मंदिर के गर्भगृह में ऐसी गतिविधि हुई है, जिसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना जा रहा है।
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घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, नीमच की रहने वाली शीतल शर्मा ने बुधवार को मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर एक रील बनाई और उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर साझा कर दिया। मंदिर के गर्भगृह में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी सख्त रूप से प्रतिबंधित है, फिर भी इस तरह की गतिविधि ने मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
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स्थानीय नेताओं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना पर स्थानीय विधायक विपिन जैन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भगवान की प्रतिमा के सामने इस तरह की रील बनाना पूरी तरह गलत है। यह धार्मिक भावनाओं का अपमान है। प्रशासन को इस मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मंदिर समिति के सचिव और एसडीएम रविंद्र परमार ने बताया कि प्रशासन युवती की पहचान करने में जुटा है। उन्होंने कहा, हम शीतल शर्मा की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ही उनकी पहचान सुनिश्चित हो जाएगी, उचित कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, धार्मिक स्थल श्रद्धा और आस्था के केंद्र होते हैं। इस तरह की आपत्तिजनक रील वायरल होना श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। मैं इस विषय में कलेक्टर अदिति गर्ग से बात कर कार्रवाई की मांग करूंगा।
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पुजारी और श्रद्धालुओं का रोष
मंदिर के पुजारी राकेश भट्ट ने इस घटना को अनुचित बताते हुए श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मंदिर को केवल दर्शन और पूजा के लिए उपयोग करें। उन्होंने कहा, पशुपतिनाथ मंदिर आस्था का केंद्र है। यहां रील या फोटो बनाने जैसी गतिविधियां नहीं होनी चाहिए। गर्भगृह में फोटोग्राफी पूरी तरह प्रतिबंधित है।
श्रद्धालुओं ने भी मंदिर समिति पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि गर्भगृह में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं, जो समिति की निगरानी में कमी को दशार्ता है। एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा, मंदिर समिति को और सतर्क रहना चाहिए। प्रतिबंध के बावजूद रील बनना और वायरल होना गंभीर लापरवाही है। शीतल शर्मा पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
यह पहली बार नहीं है जब मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में रील बनाने का मामला सामने आया है। इससे पहले, एक युवक तरुण नामदेव ने गर्भगृह में फिल्मी गाने पर डांस करते हुए वीडियो बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर साझा किया था। उस घटना की भी कड़ी आलोचना हुई थी, जिसके बाद तरुण ने मंदिर समिति से लिखित माफी मांगी और वीडियो हटा दिया था।
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मंदिर की महत्ता
मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है और यह अपने अष्टमुखी शिवलिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह शिवलिंग 7.3 फीट ऊंचा है, जिसमें चार मुख ऊपरी हिस्से में और चार निचले हिस्से में हैं। प्रत्येक मुख जीवन की विभिन्न अवस्थाओं—बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था और प्रौढ़ावस्था—का प्रतीक है। मंदिर की वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है।
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मंदिर समिति पर दबाव
श्रद्धालुओं और स्थानीय नेताओं ने मंदिर समिति से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। मंदिर में पहले से ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध है, लेकिन इन नियमों का पालन न होना समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। कुछ श्रद्धालुओं ने सुझाव दिया है कि गर्भगृह में प्रवेश से पहले कड़ी जांच और निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
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धार्मिक भावनाओं को ठेस
पशुपतिनाथ मंदिर में गर्भगृह में रील बनाने का यह मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना जा रहा है। प्रशासन और मंदिर समिति पर इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई का दबाव है। यह घटना मंदिर में सुरक्षा और नियमों के पालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। श्रद्धालुओं की मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि मंदिर की पवित्रता और गरिमा बनी रहे।
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