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नगर निगम अधिकारी के ठिकानों पर EOW का छापा

- ईओडब्ल्यू एसपी बोले आय 15 लाख, खर्च 1.85 करोड़ किए, दफ्तर भी सील

इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मंगलवार को इंदौर नगर निगम के उद्यान विभाग के सहायक अधीक्षक चेतन पाटिल के घर और कार्यालय पर छापेमारी की। यह कार्रवाई पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और पौधों की खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर की गई। छापेमारी में अब तक 1.85 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जिसमें दो प्लॉट, एक दो मंजिला मकान, सोना, नकदी, और बीमा पॉलिसियां शामिल हैं। ईओडब्ल्यू ने पाटिल के कार्यालय को सील कर दिया है और दस्तावेजों की गहन जांच जारी है।

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छापेमारी का विवरण

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की दो टीमें मंगलवार सुबह एक साथ सक्रिय हुईं। एक टीम ने पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी, एमआर-10 क्षेत्र स्थित निवास पर दबिश दी, जबकि दूसरी टीम नगर निगम के उद्यान विभाग कार्यालय पहुंची। कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में छानबीन शुरू की गई। ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक (एसपी) रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि पाटिल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1), और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई कोर्ट से प्राप्त सर्च वारंट के आधार पर की गई।

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छापेमारी के दौरान गुलमोहर कॉलोनी में पाटिल के निवास से 28.60 लाख रुपये कीमत के दो प्लॉट, 42 लाख रुपये का दो मंजिला मकान, 20 लाख रुपये का सोना (जिसका मूल्यांकन अभी बाकी है), 25 लाख रुपये की 18 बीमा पॉलिसियां, 40 लाख रुपये की बैंक जमा राशि, और लगभग 1 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। इसके अलावा, घर में एयर कंडीशनर और अन्य सामान की कीमत 13 लाख रुपये आंकी गई है।

भ्रष्टाचार के आरोप

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के डीएसपी पवन सिंघल ने बताया कि चेतन पाटिल के खिलाफ दो प्रमुख शिकायतें प्राप्त हुई थीं। पहली शिकायत आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की थी, और दूसरी एनआरआई सम्मेलन के दौरान पेड़-पौधों और गमलों की खरीदी में भ्रष्टाचार की थी। जांच में पाया गया कि पाटिल ने उद्यान विभाग के प्रभारी रहते हुए 4 करोड़ रुपये की पौध खरीदी में अनियमितताएं कीं। दस्तावेजों में 2 करोड़ रुपये की खरीदी दिखाई गई, जिसमें कई वित्तीय गड़बड़ियां पाई गईं। इस संबंध में 5 फाइलें जब्त की गई हैं, और अन्य दस्तावेजों की जांच जारी है।

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पाटिल की कुल आय का अनुमान उनकी 20 साल की नौकरी के आधार पर लगभग 15-17 लाख रुपये है, जबकि उनकी संपत्ति और खर्च 1.85 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो उनकी आय से लगभग 11 गुना अधिक है। पाटिल ने न केवल अपने नाम पर, बल्कि परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां अर्जित की हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

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सुबह-सुबह दो जगह छापा, दस्तावेज खंगालती रही टीम

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की दो टीमें मंगलवार सुबह एक साथ सक्रिय हुईं। पहली टीम पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर पर पहुंची, जहां दस्तावेजों की गहन छानबीन की जा रही है। वहीं दूसरी टीम नगर निगम स्थित उनके कार्यालय में पहुंची। वहां वरिष्ठ अधिकारियों के मौजूद होने के बाद ही दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव ने जानकारी दी कि चेतन पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण दर्ज किया गया है। अब तक की जांच में उनके पास निम्न संपत्तियाँ पाई गई हैं:

  • गुलमोहर कॉलोनी में 28.60 लाख के दो प्लॉट
  • 42 लाख का दो मंजिला मकान
  • 25 लाख की बीमा पॉलिसियाँ
  • 20 लाख का सोना (अभी मूल्यांकन बाकी)
  • करीब एक लाख रुपए नगद

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पाटिल का करियर और पृष्ठभूमि

चेतन पाटिल ने 2003 में नगर निगम में मस्टरकर्मी के रूप में नौकरी शुरू की थी। डिप्लोमा के बाद वह उपयंत्री के पद तक पहुंचे और दो बार जोनल अधिकारी भी रहे। लंबे समय तक उद्यान विभाग का प्रभार संभालने के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण टेंडर और खरीदी प्रक्रियाओं का नियंत्रण किया। ईओडब्ल्यू को संदेह है कि पौधों की खरीदी, टेंडर, और बिलों में हेरफेर कर पाटिल ने यह अकूत संपत्ति जमा की।

कार्यालय और निवास पर जांच

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की एक टीम पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित निवास पर बैंक पासबुक, संपत्ति के दस्तावेज, जमा पूंजी, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), और निवेश से संबंधित जानकारी जुटा रही है। दूसरी टीम नगर निगम के उद्यान विभाग कार्यालय में पौधों की खरीदी, कटाई, टेंडर, और बिलों से संबंधित दस्तावेजों की छानबीन कर रही है। कार्यालय को सील कर दिया गया है, और जांच में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है। ईओडब्ल्यू को यह भी जानकारी मिली है कि पाटिल ने इंदौर के बाहर भी संपत्तियां अर्जित की हो सकती हैं, जिनकी जांच के लिए टीमें सक्रिय हैं।

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भ्रष्टाचार पर ईओडब्ल्यू की सख्ती

आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने हाल के महीनों में इंदौर नगर निगम के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले फरवरी 2025 में सहायक राजस्व अधिकारी राजेश परमार के ठिकानों पर छापेमारी में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके अलावा, 2018 में सहायक यंत्री अभय सिंह राठौर के खिलाफ भी 15 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले में कार्रवाई हुई थी। ये कार्रवाइयां दशार्ती हैं कि नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले लंबे समय से चिंता का विषय बने हुए हैं।

ईओडब्ल्यू की जांच अभी जारी

चेतन पाटिल के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की यह कार्रवाई इंदौर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है। पाटिल की आय से 150 गुना अधिक संपत्ति और 4 करोड़ रुपये के पौध खरीदी घोटाले के आरोप गंभीर सवाल उठाते हैं। ईओडब्ल्यू की जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। यह मामला न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की जरूरत को रेखांकित करता है, बल्कि जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को भी मजबूत करता है।

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Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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