अपना उज्जैन

फर्जी पुलिस आरक्षक बनकर लोगों से करता था धोखाधड़ी

- पुलिस की वर्दी पहनकर शेयर किए फोटो, वीडियो, फर्जी आईडी कार्ड भी बनवाया

उज्जैन। फर्जी पुलिस आरक्षक बनकर एक दर्जन से अधिक लोगों को 34 लाख 17 हजार रुपए का चूना लगाने वाले बदमाश को उज्जैन की राघवी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। बदमाश ने लोगों को झांसा देने के लिए अपने इंस्टाग्राम आईडी पर शाजापुर जिले में पदस्थ आरक्षक की आईडी लगी फोटो और वीडिया शेयर किए थे। पुलिस ने उसके कब्जे से वर्दी, आईडी कार्ड और 25 हजार रुपए नगद जब्त किए हैं।

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एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि फरियादी निलेश चौहान ने राघवी थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि विशाल पिता अजय निवासी ग्राम जगोटी ने यूडीएस की कॉलोनी शिवांगी परिसर में प्लॉट दिलाने के नाम पर उसके साथ 13 लाख 55 हजार रुपए की धोखाधड़ी की हैं। विशाल खुद को शाजापुर जिले में पदस्थ पुलिस आरक्षक बताता हैं। मामला सामने आने के बाद राघवी थाना प्रभारी विरेन्द्र बंदेवार ने जांच की तो फर्जी पुलिस आरक्षक की कहानी सामने आई। टीआई बंदेवार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विशाल निवासी हालमुकाम देवास में महाकाल बिल्डिंग को नीलगंगा रोड से दबोचा। पुलिस ने उसके पास से अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, मोबाइल, पुलिस की वर्दी, आईडी कार्ड और 25 हजार रुपए जब्त किए।

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पुलिस

इस तरह करता था वारदात

आरोपी विशाल उर्फ लखन ने जालसाजी और धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए बड़े ही सुनियोजित तरीके अपनाए। उसने जिला शाजापुर से पुलिस विभाग का आरक्षक पद का फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बनवाया और इसे अपनी असली पहचान की तरह इस्तेमाल किया। आरोपी पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को एक सच्चा पुलिसकर्मी दिखाता था, जिससे आम जनता उस पर भरोसा कर लेती थी। इसके अलावा, यह इंस्टाग्राम पर पुलिस की वर्दी में अपनी तस्वीरें पोस्ट करता था, जिससे वह खुद को प्रभावशाली और भरोसेमंद अधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर सकता था।

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कई लोगों को फसाया

विशाल ने अपनी योजनाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्राधिकरण की कॉलोनी, शिवांगी परिसर, उज्जैन का इस्तेमाल किया। उसने वहां यह झूठ फैलाया कि उसकी प्राधिकरण के सी.ई.ओ. से अच्छी पकड़ है। इसी झूठे दावे के आधार पर वह लोगों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्लॉट दिलाने का झांसा देता था। इस तरह के आकर्षक प्रस्ताव से उसने कई लोगों को अपने जाल में फंसाया। आरोपी ने न केवल नकली दस्तावेजों और वर्दी का उपयोग किया, बल्कि सोशल मीडिया और झूठे दावों का सहारा लेकर लोगों को ठगा। उसका यह जालसाजी का तरीका उसे धोखाधड़ी करने में आसानी से सफल बना देता था।

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तीन जिलो के लोगों के साथ की धोखाधडी

शिकायत के बाद पुलिस ने जब विशाल को दबोचा तो पहले उसके खिलाफ केवल दो मामले सामने आए थे। लेकिन जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ी वैसे-वैसे विशाल के कारनामे सामने आते गए। विशाल ने पुलिस आरक्षक बनकर तकरीबन 14 लोगों के साथ 34 लाख 17 हजार रुपए की धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दिया है वे लोग उज्जैन, शाजापुर और नीमच के रहने वाले हैं। विशाल ने शाजापुर में एक दुकान से फर्जी आईडी कार्ड बनवाया था। पुलिस अब उस दुकानदार पर भी कार्रवाई करेंगी।

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टीम को मिलेगा पुरस्कार

फर्जी पुलिस आरक्षक को गिरफ्तार करने में राघवी थाना प्रभारी वीरेन्द्रसिंह बंदेवार, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र सिंह, आरक्षक रविन्द्र सिंह सेंगर, अरविन्द्र यादव, जितेन्द्र सिंह, सैनिक महेन्द्र सिंह, घनश्याम सिंह को एसपी प्रदीप शर्मा ने 10 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की हैं।

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Dharmendra Bhati

मैं धर्मेंद्र भाटी, DB News24 का Author & Founder हूँ तथा पिछले 22 वर्षो से निरंतर सक्रिय पत्रकारिता के माध्यम राजनितिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक खबरों की रिपोर्टिंग करता हूँ साथ ही Daily जॉब्स, ज्योतिष, धर्म-कर्म, सिनेमा, सरकरी योजनाओ के बारे में आर्टिकल पब्लिश करता हूँ। हमारा संकल्प है कि नई-नई जानकारियाँ आप तक सरल और सहज भाषा में आप तक पंहुचे। जय हिन्द

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