पुलिस लाइन में हुआ बलवा, भीड़ नियंत्रण के लिए हुआ बल प्रयोग
-बलवा परेड में पुलिस की तैयारी का जायजा, अधिकारियों ने दी सुधार की नसीहतें

उज्जैन। शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित बलवा परेड ने शहर की कानून-व्यवस्था के प्रति पुलिस की तैयारी को परखने का मौका दिया। इस परेड में पुलिसकर्मी ही प्रदर्शनकारी और दंगाई बने थे, जबकि उनके साथी लाठियों और बंदूकों से लैस होकर इनसे निपटने की भूमिका में थे। यह दृश्य किसी रंगमंच की प्रस्तुति जैसा था, लेकिन माहौल पूरी तरह से वास्तविक नजर आ रहा था।
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बलवा परेड के दौरान अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों के अभ्यास का बारीकी से निरीक्षण किया और हर कदम पर दिशा-निर्देश दिए। इस अभ्यास का उद्देश्य यह देखना था कि पुलिस आपात स्थितियों और दंगों से किस तरह निपटेगी। बलवा परेड की शुरूआत में प्रदर्शनकारियों का अभिनय कर रहे पुलिसकर्मियों ने हमारी मांगे पूरी करो के नारे लगाए और उत्तेजना का प्रदर्शन किया। इस पर महिला अधिकारी ने उन्हें तितर-बितर करने का आदेश दिया। अधिकारी ने पास खड़े एक वरिष्ठ अधिकारी की मदद से आदेश दिए। लाठियों से लैस पुलिस दल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश करता है।
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पथराव और केकड़ा पार्टी का बचाव
प्रदर्शनकारी उग्र होकर पत्थरबाजी शुरू कर देते हैं। स्थिति संभालने के लिए केकड़ा पार्टी को बुलाया जाता है। यह पार्टी ढाल और संयमित रणनीति से प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षित है। अधिकारियों ने उनके चलने के तरीके और सुरक्षा में चूक पर कड़ी निगरानी रखी। बार-बार निर्देश दिए गए कि खुद का बचाव करते हुए समूह में आगे बढ़ें।
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बंदूकधारियों की परीक्षा
स्थिति और गंभीर होने पर बंदूकधारियों का दल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आगे बढ़ता है। कुछ पुलिसकर्मी बंदूक चलाने में असमर्थ दिखे, जिससे अधिकारियों ने नाराजगी जताई। एक अधिकारी ने एक जवान की पीठ पर हल्की चपत लगाते हुए कहा, ध्यान से और सही तरीके से काम करो। इसके बाद, गोलीबारी के दौरान एक प्रदर्शनकारी को घायल दिखाया गया, जिसे एंबुलेंस से ले जाया गया।
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आंसू गैस और वॉटर लॉरी का उपयोग
इसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़ने का अभ्यास किया गया। परेड का अंतिम अभ्यास वॉटर लॉरी के साथ हुआ। ठंड के मौसम में पानी की बौछार ने भीड़ को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। लेकिन शुरूआत में लॉरी के केवल एक पाइप से पानी आ रहा था। अधिकारियों के निर्देश पर दूसरे पाइप को चालू किया गया। एक अधिकारी ने कहा कि बलवा परेड ने पुलिस की तैयारियों और कमजोरियों को उजागर किया। इस तरह के अभ्यास से सीखने और सुधारने का अवसर मिलता है, ताकि वास्तविक स्थितियों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
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