दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी (आप) के 8 विधायक, जिनमें से कुछ पूर्व मंत्री भी शामिल हैं, ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जॉइन कर ली। इन विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ने की वजह चुनाव में टिकट नहीं मिलने और आप के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार को बताया था। इन इस्तीफों से पार्टी की स्थिति कमजोर हो सकती है, खासकर ऐसे वक्त में जब दिल्ली में चुनावी रण छिड़ा है और पार्टी को वोट बैंक पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
यह भी पढ़े- शादी के दो दिन बाद ही भागने लगी दुल्हन, दूल्हे ने पकड़ा
विधायकों ने इस्तीफे का कारण
इन विधायकों ने अपने इस्तीफे में जो कारण बताए, वे पार्टी के भीतर बदलाव के संकेत दे रहे हैं। महरौली से विधायक नरेश यादव ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में डूब चुकी है और पार्टी ने भ्रष्टाचारियों को ही अपने पाले में किया है। आदर्श नगर से पवन शर्मा का कहना था कि आम आदमी पार्टी अपनी मूल विचारधारा से भटक चुकी है, और उन्हें इस बदलाव ने बेहद दुखी किया। बिजवासन के विधायक भूपेंद्र सिंह जून का कहना था कि आम आदमी पार्टी (आप) ने अपराधियों को टिकट दिया और इस तरह की स्थिति से पार्टी की नैतिकता पर सवाल उठते हैं। कस्तूरबा नगर से मदनलाल और त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया ने भी पार्टी के अंदर के हालात को लेकर गहरी निराशा जताई। वे आरोप लगा रहे थे कि पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई है और केवल सत्ता के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि और पालम की विधायक भावना गौड़ ने भी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों के चलते पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।
यह भी पढ़े- सोशल मीडिया पर परवान चढ़ा प्यार
यह भी पढ़े- इंदौर से उज्जैन की यात्रा होगी और भी आसान, मात्र 45 मिनट में पूरा होगा सफर
सीलमपुर विधायक का इस्तीफा और उसकी वजह
इस पूरे घटनाक्रम में 10 दिसंबर को सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान का इस्तीफा भी महत्वपूर्ण था। उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) से टिकट नहीं मिला था और इसके बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पार्टी छोड़ दी थी। रहमान ने आरोप लगाया कि आप पार्टी अब मुस्लिम समुदाय के प्रति बेरुखी दिखा रही है और उनका मानना था कि केजरीवाल खुद पार्टी को समाप्त करने पर तुले हुए हैं।
यह भी पढ़े- छात्रा से दुर्व्यवहार का आरोप, ABVP का प्रदर्शन
क्या असर पड़ेगा दिल्ली विधानसभा चुनाव पर?
अब जब 8 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है, यह दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। इन विधायकों का इस्तीफा और भाजपा में शामिल होना, आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है। आम आदमी पार्टी (आप) को इन इस्तीफों का असर वोट बैंक पर देखने को मिल सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इन विधायकों का प्रभाव अधिक था। वहीं, भाजपा की रणनीति के तहत यह इस्तीफे उसे कुछ हद तक लाभ दे सकते हैं, क्योंकि ये नेता पार्टी में आते ही संभावित वोटर्स के बीच में एक नई उम्मीद का संदेश दे सकते हैं।
यह भी पढ़े- सीआरपीएफ जवान ने पत्नी की हत्या के बाद खुद को मारी गोली
5 फरवरी को वोटिंग और नतीजे 8 फरवरी को
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी और नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। इस बार चुनावी मैदान में कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने 21 नवंबर को पहली लिस्ट जारी की थी, जिसमें कई विधायकों के टिकट काटे गए थे और कुछ सीटों पर बदलाव किए गए थे। अब देखना यह होगा कि इन इस्तीफों का चुनाव परिणाम पर कितना प्रभाव डालता है, क्योंकि पार्टी के अंदर की असहमति और आरोप-प्रत्यारोप इस समय राजनीतिक माहौल को गर्म कर रहे हैं।
यह भी पढ़े- बदमाश ने युवती का गला रेता, हालत गंभीर
पढ़ते रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…
ओर भी है खबरे
रतलाम की सड़कों पर इंदौर के युवाओं की स्टंटबाजी
उज्जैन पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 13 ड्रग तस्कर गिरफ्तार, 1.03 करोड़ की ड्रग्स जब्त