किस वजह से प्रेम कहानी अधूरी रहती है?

कुंडली का पंचम भाव सप्तम से एकादश भी होता है इसलिए इसे जीवनसाथी की इच्छापूर्ति या प्रेम (Love) संबंधों का भाव भी कहा गया है। कुंडली मे जब पंचम भाव पीढ़ित हो, या पंचमेश नीच राशि मे, शत्रुक्षेत्री, किसी क्रूर ग्रह के प्रभाव में हो और कुंडली मे शुक्र बली ना हो तब जातक को प्रेम (Love) में असफलता मिलने के योग अधिक होते हैं।
Also read- पापमोचनी एकादशी व्रत क्या है, जानिये पूरी कथा
प्रेम विवाह असफल रहने के कारण
शुक्र व मंगल की स्थिति व प्रभाव प्रेम (Love) संबंधों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। यदि किसी जातक की कुण्डली में सभी अनुकूल स्थितियाँ होते हुई भी, शुक्र की स्थिति प्रतिकूल हो तो प्रेम संबंध टूटकर दिल टूटने की घटना होती है। सप्तम भाव या सप्तमेश का पाप पीड़ित होना, पापयोग में होना प्रेम विवाह की सफलता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। पंचमेश व सप्तमेश दोनों की स्थिति इस प्रकार हो कि उनका सप्तम-पंचम से कोई संबंध न हो तो प्रेम की असफलता दृष्टिगत होती है।
Also read- सूर्य एवं चंद्रमा कभी भी वक्री नहीं होते
शुक्र का सूर्य के नक्षत्र में होना और उस पर चन्द्रमा का प्रभाव होने की स्थिति में प्रेम संबंध होने के उपरांत या परिस्थितिवश विवाह हो जाने पर भी सफलता नहीं मिलती। शुक्र का सूर्य-चन्द्रमा के मध्य में होना असफल प्रेम का कारण है। पंचम व सप्तम भाव के स्वामी ग्रह यदि धीमी गति के ग्रह हों तो प्रेम संबंधों का योग होने या चिरस्थायी प्रेम की अनुभूति को दशार्ता है। इस प्रकार के जातक जीवनभर प्रेम प्रसंगों को नहीं भूलते चाहे वे सफल हों या असफल।
Also read- दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है, जाने दुर्गा सप्तशती पाठ के चमत्कार
Also read- प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य युक्तियाँ/ ANCIENT INDIAN HEALTH TIPS
जय श्री महाकाल, आपके मन में कोई शंका या प्रश्न हो मुझसे कुछ छूट गया हो अथवा किसी अन्य विषय पर मन में कोई प्रश्न हो या जन्म कुंडली का संपूर्ण विश्लेषण करवाने के लिए आप मुझे मेरे नंबर 7692849650 पर कॉल करें या व्हाट्सप्प करें । मैं कोशिश करूँगा आपके सवालो के जवाब देने का और उस विषय पर अलग से लेख लिखने का ।

पढ़िए ख़बरें-
पढ़त रहिये– DB NEWS 24 और देखें यूट्यूब चैनल you tube जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, सिनेमा, राजनीति और अपने उज्जैन की खबरें, जुडिएं हमारे फेसबुक Facebook पेज, Telegram और WhatsApp से…
जड़, पेड़, फल-फूल का ज्योतिषीय उपाय