प्रदेश की धर्मनगरी बना उज्जैन: एमपी सरकार के धर्मस्व विभाग का होगा संचालन
- धर्मस्व विभाग कार्याय में 8 रूम, 2 मीटिंग हॉल होंगे, सरकार ने बजट 115 करोड़ रुपए किया
बाबा महाकाल की नगरी से अब मघ्यप्रदेश सरकार का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का संचालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद विभाग के स्थानांतरित आदेश जारी होते ही धर्मस्व विभाग का कार्यालय उज्जैन के कोठी रोड पर स्मार्ट सिटी कार्यालय में बनकर तैयार हो चुका है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव संभवत: 5 अगस्त कर सकते है।
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अब मध्य प्रदेश के सभी बड़े मंदिरों का संचालन उज्जैन के इसी कार्यालय से होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का कार्यालय भी उज्जैन से ही संचालित होगा। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश सकार ने फिलहाल विभाग का सालाना बजट 115 करोड़ रुपए रखा है, जिसे समय के साथ और बढ़ाया जायेंगा। कोठी रोड़ स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय के अंदर ही अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का कार्यालय तैयार हो चुका है। खासबात यह है कि इसमें ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर 2 मीटिंग हाल, 8 रूम और लॉबी भी है।
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यह रहेंगा स्टॉफ…
संचालनालय धार्मिक न्यास, धर्मस्व विभाग और संचालक मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के कार्यालय को 22 अधिकारी-कर्मचारी संभालेंगे। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालक पद पर उज्जैन संभाग के संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, संयुक्त संचालक डॉ पीएस मालवीय, उप संचालक मनीष तिवारी, सहायक संचालक प्रज्ञा गीते और सौरभ बंसल, सहायक यंत्री एक, लेखा अधिकारी महेश शर्मा, अधीक्षक नरेंद्र नागर, उपयंत्री, सहायक ग्रेड 1 अधिकारी एक, सहायक ग्रेड 2 एक पद, सहायक ग्रेड 3 के दो पद, स्टेनो एक, टाइपिंग स्टेनो एक, आॅपरेटर एक और प्यून 6 का पद रहेगा। भोपाल में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी भी उज्जैन आ चुके है। संभवत: 5 अगस्त से इस कार्यालय का संचालन शुरू हो जायेंगा।
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बड़े मंदिरों के फोटो लगेंगे
उज्जैन में बनाये गये नये धर्मस्व विभाग के कार्यालय में प्रदेश के बड़े मंदिरों के फोटो लगाए जायेंगे। इसमें कई धर्मिक किताबें भी उपलब्ध होगीं। कार्यालय का उदघाटन पहले संचालक के पद पर संजय गुप्ता ने 18 जुलाई को पदभार ग्रहण कर लिया है। जिसके बाद उन्होंने चिंतामण गणेश मंदिर, गढ़कालिका माता मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर और भतृर्हरि गुफा का दौरा कर सिंहस्थ 2028 के दृष्टिगत मंदिरों का थीम बेस्ड हेरिटेज डेवलपमेंट की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। गुप्ता ने कहा कि मंदिरों के नैसर्गिक आध्यात्मिक भाव को केंद्र में रखकर आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं के दर्शन भक्ति भाव के वातावरण में सुगमता से हो सके। मंदिरों के विकास में मंदिरों के मूल स्वरूप में बदलाव न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
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ये कार्यालय के अधीन..
श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन, सलकनपुर देवी मंदिर, शारदा देवी मंदिर मैहर, श्री गणपति मंदिर खजराना इंदौर, भूतपूर्व भोपाल रियासत की मंदिर भोपाल, लक्ष्मण बाग समिति रीवा, मंडलेश्वर जिला खरगोन, पशुपति नाथ मंदिर मंदसौर, ग्वारी घाट जबलपुर, बरमान नरसिंहपुर, कुण्डलपुर दमोह, जोगेश्वर नाथ दमोह
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन का भी संचालन होगा
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा का संचालन भी उज्जैन में बनाये गये इसी कार्यालय से होगा। इसमें सिंधु दर्शन यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा, हिंगलाज देवी मंदिर यात्रा, ननकाना साहिब दर्शन, श्रीलंका का सीता मंदिर अशोक वाटिका, कम्बोडिया तीर्थ यात्रा के साथ ही मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध मेलों की व्यवस्था हेतु अनुदान भी इसी विभाग से स्वीकृत होगा।
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