डबराल बाबा की पवित्र समाधी से सद्गुरु की प्रार्थना के रहस्य

श्री सद्गुरू डबराल बाबा (Dabral Baba) से अपनी विविध समस्याओं को लेकर सैकड़ों लोग उनसे प्रतिदिन मुलाकात करते थे। श्री सदगुरू डबराल बाबा उनमे से लगभग 90 प्रतिशत लोगो को कहा करते थे में आपके लिए प्रार्थना करूंगा अथवा में आपके लिए विशेष प्रार्थना करूगा।
सामान्य जन के लिए विचारणीय प्रश्न हो जाता था कि मेरी समस्या विकट हैं और सिर्फ डबराल बाबा की प्रार्थना से इसका समाधान कैसे सम्भव हो सकता है? इस शंका के समाधान के लिए जानना जरूरी है कि सिद्ध पुरुष अथवा प्रतिदिन ईश्वर का ध्यान करने वाले व्यक्ति के शरीर में सातो चक्रों में विद्यमान विशेष आज्ञा चक्र में अपने ईष्ट देव का जाग्रत प्रतिविम्व हमेशा आलोकित रहता है।
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जिस व्यक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है उसका काल्पनिक प्रतिविम्व की जाने वाली प्रार्थना के समय देवता के जाग्रत प्रतिविंव के समक्ष हो जाता है, उसी समय बाबा डबराल जैसे पवित्र अंत:करण वाले व्यक्ति से की गई प्रार्थनाए उनके इष्ट देव भैरव बाबा द्वारा स्वीकार कर ली जाती है और इस प्रकार पवित्र अन्त:करण वाले सिद्ध संसार में विविध समस्याओं का समाधान चमत्कारिक रूप से कर देते है।
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समाधान के लिए की प्रार्थनाओं के नियम
- ईश्वर से की जाने वाली प्रार्थना एक विशेष नियत समय और नियत स्थान पर शान्त वातावरण में की जाना चाहिए ।
- मध्य रात्रि में की गई प्रार्थनाए अपने इष्ट देव अथवा ईश्वर द्वारा शीघ्र स्वीकार की जाती है।
- निरन्तर की जाने वाली प्रार्थना के परिणाम शीघ्र ही स्वप्न में संकेत के रूप में मिलना प्रारम्भ हो जाते है ।
- आकस्मिक रूप से आई विपदाओं, महामारी व किसी की व्याधि निवारण हेतु सामूहिक रुप से की गई प्रार्थनाए चमत्कारी रूप से अपना प्रभाव दिखाती है।
- मध्य रात्रि में की गई प्रार्थना के साथ ईष्ट अथवा ईश्वर के शतनाम और सहस्त्रनाम का पाठ किया जाये तो अपनी समस्याओं के समाधान में आशातीत सफलता मिलने लगती है ।
ईश्वर द्वारा अस्वीकार की गई प्रार्थनाओं के नियम
- पात्रता न होने पर भी अति महत्वकांक्षी कामना अथवा परिणाम की प्राप्ति की हेतु की गई प्रार्थना स्वीकार नहीं होती है।
- किसी भी व्यक्ति का अनिष्ट अथवा नुकसान पहुंचाने की नियत से की गई प्रार्थनाए अस्वीकार की जाती है।
- ईश्वर के साथ सोदे-बाजी वाली प्रार्थनाए जिसे मन्नत भी कहा जाता है। ईश्वर या ईष्टदेव को अप्रिय होती है और प्राय: अस्वीकार की जाती है।
- अपने जीवन काल में हमेशा अशिष्ट भाषा के प्रयोग करने वाले व्यक्ति की प्रार्थनाए ईश्वर द्वारा अस्वीकार भी जाती है।
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तंत्र साधना के अति विशिष्ट महापुरुष यदि कोई थे तो वह थे डबराल बाबा, डबराल बाबा जेसे महा सिद्ध बाबा इस पृथ्वी पर अत्यंत दुर्लभ है यह तो विक्रांत महाभैरव सरकार की कृपा का ही परिणाम था कि उन्होंने डबराल बाबा को आमजन के दु:ख दर्द मिटाने हेतु एक सेवक के रूप में नियुक्त किया।
वरना आमजन की क्या ताकत की वह ऐसी पारस रुपी मणी को ढूंढ निकाले धन्य है वह लोग जिन्होंने ऐसे परम पूज्य महापुरुष का सानिध्य पा लिया डबराल बाबा एक आश्चर्यजनक संत महापुरुष थे जिनके लिए इस पृथ्वी पर कुछ भी असंभव नहीं था वे भूत भविष्य और वर्तमान के एक श्रेष्ठ साधक थे देवी-देवताओं से उनका वातार्लाप ऐसे होता था।
मानो वे एक साधारण मनुष्य से वातार्लाप कर रहे हो भूत प्रेत जिन जिन्नातों के साथ समय बिताने वाले वे एक अत्यंत चमत्कारी महापुरुष थे उनके विषय में जितना भी लिखा जाये कम है उनके बारे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वह एक भैरव का ही अवतार थे!
जय हो मेरे गुरूपिता डबराल बाबा– प्रस्तुतिकरण– श्रीकांत भाई जी
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