भोपाल। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विस्तृत बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव स्वस्थ नागरिकों से बनती है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक, चाहे वह शहर में हो या दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में, उन्नत चिकित्सा सेवाओं तक आसानी से पहुंच सके। इसी उद्देश्य से राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे ये केंद्र जिला अस्पतालों के समान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें।
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यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहीं। आपने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी नागरिकों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। स्वस्थ नागरिकों से ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण संभव है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और हर क्षेत्र में लोग पूरी ऊर्जा से समाज और देश के विकास में अपनी भूमिका निभा सकें।
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और मैनपॉवर की बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के “स्वस्थ भारत सशक्त भारत” के दृष्टिकोण के तहत चिकित्सा शिक्षा का भी तेजी से विस्तार कर रही है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 17 सरकारी और स्वशासी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं और नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण जारी है। हाल ही में सिवनी, नीमच, और मंदसौर में नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन शुरू हुआ है और 8 अन्य मेडिकल कॉलेज निमार्णाधीन हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (ढढढ) मॉडल के तहत 12 और मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई है, जिससे प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा।
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30 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुरूप राज्य में शीघ्र ही 30 हजार से अधिक चिकित्सकीय और सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की भर्ती की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाय में और सुधार होगा।
आधुनिक तकनीक और सेवाओं का समावेश
मध्यप्रदेश के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए 42 प्रकार की एंटी-कैंसर दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके। राज्य के सभी जिला और सिविल अस्पतालों में अब 132 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80 प्रकार की जांच की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश में 324 हब और 1,610 स्पोक स्थापित किए गए हैं, जहाँ प्रतिदिन 35 हजार से अधिक जांचें जिला स्तर पर और 32 हजार से अधिक जांचें हब और स्पोक पर हो रही हैं।
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इसी तरह सभी जिला अस्पतालों में अब डायलिसिस और डिजिटल एक्स-रे की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश का एमवाय (महाराजा यशवंतराव) अस्पताल इन्दौर देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए उन्नत सीएआर-टी थेरेपी शुरू की गई है। यह सुविधा राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने और उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
मुफ्त दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य के शासकीय अस्पतालों में मुफ्त दवाओं की उपलब्धता में भी बड़ी वृद्धि की गई है। जिला अस्पतालों में 295 से बढ़ाकर 530 प्रकार की दवाएँ, सिविल अस्पतालों में 448, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 373 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 299 प्रकार की दवाएँ मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
मध्यप्रदेश सरकार मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए भी आवश्यक कदम उठा रही है। राज्य में विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (रठउव) और बाल गहन चिकित्सा इकाइयाँ (ढकउव) स्थापित की गई हैं, ताकि माताओं और नवजात शिशुओं को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्राप्त हो सके। हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों की समय पर पहचान कर आवश्यक चिकित्सकीय सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिए बर्थ वेटिंग रूम का संचालन और किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को आयरन फॉलिक एसिड सप्लीमेंट की सुविधा प्रदान की जा रही है।
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आयुष्मान भारत योजना से मिला स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना ने मध्यप्रदेश के नागरिकों को एक मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया है। अब 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को भी योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में अब तक 22 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं और आयुष्मान कार्ड जारी करने में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। इस योजना के तहत राज्य में 1,048 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संस्थान सूचीबद्ध हैं, जिनमें 493 सार्वजनिक अस्पताल और 555 निजी अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 1,952 प्रकार के स्वास्थ्य लाभ पैकेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें कैंसर, हृदय रोग, उच्च जोखिम गर्भावस्था, किडनी की बीमारियाँ और अन्य महंगे उपचार शामिल हैं। यह चिकित्सा सेवा क्षेत्र की क्रांतिकारी योजना है, जिसके माध्यम से आज गरीब वंचित लोग उत्कृष्ट उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधारों और विकासात्मक पहलों का एक नया अध्याय लिखा है। विकसित भारत के विजन में नागरिकों के स्वास्थ्य को आवश्यक माना गया है। पहली बार देश में यह हुआ है कि विकास को मनुष्य के स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। “विकसित भारत” के विजन को साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर जो कदम उठाए हैं, वे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना रहे हैं, बल्कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित कर रहे हैं।
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पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा आपातकाल में जीवन रक्षक
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और आपातकाल में बहुमूल्य जीवन के संरक्षण हेतु हर नागरिक तक उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। सड़कों और औद्योगिक स्थलों में होने वाले हादसों, प्राकृतिक आपदाओं, हृदय संबंधी समस्याओं और अन्य गंभीर बीमारियों की स्थिति में यह सेवा जीवनरक्षक साबित हो रही है। एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से मरीजों को समय पर उचित चिकित्सा संस्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। राज्य के भीतर और बाहर सड़क, औद्योगिक दुर्घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं में पीड़ितों और आयुष्मान कार्डधारकों को नि:शुल्क परिवहन की सेवा प्राप्त होगी।
मेडिकल डिवाइस पार्क चिकित्सा क्षेत्र में मध्यप्रदेश को बनायेगा आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन के विक्रम उद्योगपुरी में स्थापित हो रहा देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। इस पार्क के माध्यम से न केवल अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन होगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक कुशल और सुलभ बनाया जा सकेगा। इससे प्रदेश में चिकित्सा उपकरणों की निर्भरता कम होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में भी कमी आएगी। यह मेडिकल डिवाइस पार्क मध्यप्रदेश को एक मेडिकल हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जहां चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन, शोध, और नवाचार के अवसर बढ़ेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुदृढ़ किया जा सकेगा, जो इसे चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।
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