पूर्व पार्षद की हत्या का खुलासा: पत्नी और बेटे बन गए खून के प्यासे
- संपत्ति के विवाद में पत्नी और बेटे बन गए खून के प्यासे, सिर में गोली मारकर की हत्या
उज्जैन। शुक्रवार सुबह वजीर पार्क कॉलोनी में पूर्व पार्षद गुड्डू उर्फ कलीम की हत्या के मामले में पुलिस ने चंद घंटों में ही खुलासा कर दिया। पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लिया। जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस के अनुसार, गुड्डू की हत्या करोडों की संपत्ति को लेकर की गई, जिसमें उसकी पत्नी और बेटे मुख्य साजिशकर्ता निकले।
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एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया की कांग्रेस के पूर्व पार्षद गुड्डू उर्फ कलीम की हत्या उनके घर पर तड़के 4:30 से 5:00 बजे के बीच की गई। जब वे सो रहे थे, तो अज्ञात हमलावरों ने उनके सिर में गोली मारकर उनकी जान ले ली। हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि हत्या की साजिश उनके छोटे बेटे दानिश ने अपने दोस्त सोहराब और अन्य के साथ मिलकर रची थी।
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पुलिस की जांच में पता चला कि गुड्डू की हत्या के पीछे मुख्य कारण उनकी करोडों की संपत्ति थी। गुड्डू ने उज्जैन, इंदौर, राजस्थान और अन्य जगहों पर विशाल संपत्ति खरीदी थी। इस संपत्ति का विवाद गुड्डू और उनके परिवार के बीच बना हुआ था। गुड्डू ने हाल ही में अपनी संपत्ति का हिस्सा अपने भतीजे आरिफ के नाम करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिससे उनकी पत्नी नीलोफर और दोनों बेटे मिंटू उर्फ आसिफ और दानिश नाराज थे।
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पत्नी ने दरवाजा खोला और बेटे ने मारी गोली
गुड्डू का अपने छोटे बेटे दानिश से भी विवाद चल रहा था, जिसके चलते उसे 13 साल की उम्र में ही घर से निकाल दिया गया था। दानिश तब से अपने नानिहाल में इंदौर में रह रहा था। संपत्ति विवाद और पारिवारिक कलह ने इस हत्या की नींव रखी। गुड्डू की पत्नी नीलोफर, बड़े बेटे मिंटू उर्फ आसिफ और छोटे बेटे दानिश ने इस हत्या की साजिश रची। हत्या के लिए दानिश ने अपने दोस्त सोहराब और अन्य आरोपियों से मदद ली। घटना की रात, जब सभी ने तय कर लिया था कि गुड्डू की हत्या करनी है, नीलोफर ने अपने पति के बैडरूम का दरवाजा खोला, और दानिश ने अपने साथ लाई बंदूक से उनके सिर पर गोली मार दी।
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पहले भी किया था हमला
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि गुड्डू पर पहले भी 4 अक्टूबर को एक जानलेवा हमला हुआ था, जब वे मॉर्निंग वॉक पर जा रहे थे। हालांकि, गुड्डू ने इस हमले की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस ने उन्हें सतर्क रहने और रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। इसके बाद, 9 अक्टूबर को उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गुड्डू की हत्या की योजना पहले ही बन चुकी थी।
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संपत्ति को लेकर हुआ था विवाद
गुड्डू और उनके परिवार के पास करोडों की संपत्ति थी, जिसमें उज्जैन, इंदौर और राजस्थान में होटल, जमीन और अन्य संपत्तियां शामिल थीं। इन संपत्तियों की कीमत 100 करोड़ से अधिक बताई जा रही है, जिसे लेकर परिवार के बीच विवाद चल रहा था। पुलिस टीम की तत्परता से इस मामले का खुलासा हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू की गई। सीएसपी माधवनगर दीपिका शिंदे, थाना प्रभारी नीलगंगा विवेक कानोडिया और उनकी टीम ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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